Unsafe listening practices: एक चौंकाने वाले ख़ुलासे में हेडफ़ोन, ईयरबड्स और कानफोड़ू संगीत वाली जगहों के दुष्प्रभाव से एक अरब से अधिक युवाओं के बहरे (Hearing loss) होने का अंदेशा जताया गया है।
बीएमजे ग्लोबल हेल्थ जर्नल में प्रकाशित रिपोर्ट ने स्थिति की गंभीरता को भांपते हुए दुनिया भर की सरकारों से बहरेपन की समस्या से बचाने वाली नीतियों को तत्काल प्राथमिकता देने की आवश्यकता कही है।
रिपोर्ट में, युवाओं द्वारा स्मार्टफोन, हेडफोन और ईयरबड्स का अत्यधिक उपयोग और जोरदार संगीत वाले मनोरंजन स्थलों पर बढ़ती उपस्थिति से उनकी सुनने की श्रवण क्षमता को ज़बरदस्त नुकसान का खतरा पाया गया है।
गौरतलब है कि किशोर और युवा तबका अक्सर 105 डेसीबल (dB) वाली ध्वनि की उच्च मात्रा का इस्तेमाल करते हैं, जबकि मनोरंजन स्थलों पर औसत ध्वनि स्तर 104 से 112 dB तक होता है।
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इतनी आवाज़ स्वीकार्य स्तर (वयस्कों के लिए 80 dB; बच्चों के लिए 75 dB) से अधिक है और सुनने की क्षमता के लिए नुकसानदायक है, भले ही यह बहुत कम समय के लिए ही क्यों न हो।
ताज़ा जानकारी के लिए 12 से 34 वर्षीय अंग्रेजी, फ्रेंच, स्पेनिश और रूसी बच्चों एवं बड़ों पर पहले हुए अध्ययनों के नतीजों का विश्लेषण किया गया है।
इसमें व्यक्तिगत सुनने के उपकरणों और जोरदार संगीत वाले मनोरंजन स्थलों से सुनने की क्षमता पर पड़ने वाले दुष्प्रभावों को बताती 33 स्टडीज़ शामिल बताई गई है।
उन नतीजों के आधार पर संभावित रूप से 60 करोड़ 70 लाख से लेकर 1 अरब 35 करोड़ किशोरों और युवाओं की सुनने की क्षमता को हानि का ख़तरा बताया गया है।
हालांकि, खोजकर्ताओं ने इस संख्या में कमी या बढ़ोतरी की संभावना से इंकार नहीं किया है।
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लेकिन नतीजों की गंभीरता को देखते हुए दुनिया भर में बहरेपन की समस्या रोकने के लिए सुनने के सुरक्षित मानकों को बढ़ावा देने की तत्काल आवश्यकता कही गई है।
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