Hand hygiene impact on skin: COVID-19 महामारी के दौरान संक्रमण रोकने के लिए हाथ धोना (Hand wash) और हैंड सैनिटाइज़र (Hand sanitizer) का इस्तेमाल करना सबसे महत्वपूर्ण सावधानियां रही हैं।
हालांकि, कई लोगों ने ऐसी सुरक्षा का लगातार पालन करने के बाद हाथ में जलन और सूखापन बढ़ने की शिकायत भी की है।
हाल ही में हुई एक स्टडी ने हाथों की त्वचा पर इन सुरक्षापूर्ण उपायों का दुष्प्रभाव जगजाहिर किया है।
स्टडी में एक्जिमा की दिक्क्त वाले हेल्थ केयर वर्कर्स और आम नागरिकों को शामिल किया गया था। बता दें कि एक्जिमा एक ऐसी स्थिति है जिसमें त्वचा लाल और खुजलीदार हो जाती है।
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हैंड सैनिटाइज़र और साबुन-पानी से हाथ धोने के असर को एक ‘स्किन टेप स्ट्रिप’ (Skin tape strip) से जाना गया, जो त्वचा पर लगाया गया एक छोटा-सा स्टिकर था।
इसके अलावा, त्वचा की नमी को मापने वाले एक अन्य उपकरण ने सेनिटाइज़र और साबुन के इस्तेमाल से पहले और बाद में त्वचा की सतह में हुए परिवर्तन को दिखाया।
जांच में एक्जिमा से पीड़ित हेल्थ केयर वर्कर्स की त्वचा आम नागरिकों की तुलना में अधिक क्षतिग्रस्त होते देखी गई।
यहीं नहीं, हैंड सैनिटाइज़र लगाने के बाद उनके हाथ अधिक प्रभावित हुए। वहीँ साबुन और पानी से हाथ धोने के बाद भी एक्जिमा वालों को अधिक नुकसान हुआ।
यहां तक कि बिना एक्जिमा वालों और आम नागरिकों के हाथों की त्वचा को भी अधिक बार साफ़-सफाई करने से कुछ न कुछ नुकसान होते देखा गया।
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इस तरह के कठोर प्रभावों से बचने के लिए खोजकर्ताओं ने सलाह दी कि हैंड सैनिटाइज़र या साबुन-पानी से हाथ धोने के बाद मॉइस्चराइज़/क्रीम जरूर लगाएं।
नेशनल ज्यूइश हेल्थ खोजकर्ताओं के नेतृत्व में हुई इस स्टडी के नतीजें एनल्स ऑफ एलर्जी, अस्थमा और इम्यूनोलॉजी में प्रकाशित किए गए है।
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