मानव आंत में पाए जाने वाले बैक्टीरिया (gut bacteria) टाइप 2 डायबिटीज के इलाज में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते है।
अमेरिका में ओरेगन स्टेट यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने पता लगाया है कि इंसानी आंतों में रहने वाले माइक्रोबायोम (microbiome) के कुछ जीव टाइप 2 डायबिटीज में अहम भूमिका निभाते है।
ऐसे में गंभीर मेटाबोलिक संबंधी विकार को ठीक करने के लिए संभावित प्रोबायोटिक उपचार किया जा सकता है।
मानव आंत माइक्रोबायोम में लगभग 1,000 विभिन्न जीवाणु प्रजातियों से 10 ट्रिलियन से ज्यादा माइक्रोबियल सेल्स होते है। माइक्रोबायोम में आया असंतुलन आमतौर पर किसी भी व्यक्ति के स्वास्थ्य पर हानिकारक प्रभाव डालता है।
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अध्ययन के सह-नेता एंड्रे मोर्गन, रिफाइंड शुगर, मैदा और सैचुरेटेड फैट से भरे ‘पश्चिमी आहार’ को असंतुलन के प्राथमिक कारणों में से एक मानते है।
अधिक वजन का होना टाइप 2 मधुमेह के लिए एक प्रमुख जोखिम कारक माना जाता है जो अक्सर पश्चिमी आहार और कम शारीरिक गतिविधि का परिणाम होता है।
अध्ययन से पता चलता है कि आहार बदलने से प्रभावित माइक्रोबियल समुदाय के अलग-अलग सदस्य व्यक्ति की सेहत पर महत्वपूर्ण प्रभाव डाल सकते है।
गौरतलब है कि भोजन के प्रभावों को संशोधित करने में आंत बैक्टीरिया की महत्वपूर्ण भूमिका होती है।
इसके लिए अध्ययनकर्ताओं ने जांच की और देखा कि माइक्रोबायोटा के अलग-अलग सदस्यों ने आहार परिवर्तन होने के बाद पाचन क्रिया में महतवपूर्ण भूमिका निभाई है।
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विश्लेषण ने विशिष्ट जीवाणुओं की ओर इशारा किया जिन्होंने संभावित रूप से ग्लूकोज और लिपिड के इस्तेमाल को प्रभावित किया।
इनमे लैक्टोबैसिलस जॉनसन, लैक्टोबैसिलस गैसेरी, रोम्बौटिसिया इलियालिस और रूमिनोकोकस ग्नवस जीवाणु प्रजातियों ने अहम भूमिका निभाई।
शोधकर्ताओं ने पाया कि जीवाणु इलीलिस 80 प्रतिशत से अधिक मोटापे से ग्रस्त रोगियों में मौजूद थे और पैथोबियोन्ट (Pathobiont) की तरह काम कर रहे थे। पैथोबियोन्ट ऐसे जीव है जो कुछ परिस्थितियों में रोग पैदा कर सकते है।
उन्होंने जब लैक्टोबैसिलस बैक्टीरिया को ज्यादा संख्या में आँतों में छोड़ा तो इससे अच्छे प्रोबायोटिक प्रभाव मिले जिन्होंने पैथोबियोन्ट को कमजोर किया।
शोधकर्ताओं के अनुसार, अध्ययन से पता चलता है कि टाइप 2 मधुमेह और मोटापे के उपचार के लिए, बीमारी के अनुसार ही, प्रभावी प्रोबायोटिक इस्तेमाल से चिकित्सा विकसित की जा सकती है। ALSO READ: प्रीबायोटिक्स कम कर सकते है फैटी लिवर को