Positive effects of greenery on ageing: पेड़-पौधों से घिरे हरे-भरे वातावरण में रहना न केवल मानसिक शांति, बल्कि स्वास्थ्य के लिए भी बेहतर है।
विशेषकर महिलाओं को तो अच्छी सेहत के लिए हरियाली वाले माहौल में ही रहना चाहिए, यह सलाह है मोनाश यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों की।
अपनी तरह की इस पहली रिसर्च में, यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने हरे-भरे वातावरण में रहने और धीमी गति से उम्र बढ़ने के बीच एक संबंध पाया है।
वैज्ञानिकों का कहना है कि इंसानों के डीएनए में होने वाले मिथाइलेशन परिवर्तन (DNA methylation changes) से उनकी आयु, मौत का समय और कैंसर या हृदय रोग जैसी विभिन्न बीमारियों की भविष्यवाणी की जा सकती है।
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हालांकि, इन परिवर्तनों को सही खान-पान और पर्यावरणीय कारकों से बदला भी जा सकता है।
रिसर्च में देखा गया कि कैसे हरियाली में रहना मानसिक तनाव, वायु प्रदूषण और गर्मी से होने वाले नुकसान को कम करने सहित फिजिकल एक्टिविटी और सामाजिक संपर्क को बढ़ाकर सेहत को फायदा पहुंचाता है।
इसके लिए वैज्ञानिकों ने एक ऑस्ट्रेलियाई अध्ययन में शामिल 40 से 70 वर्ष की लगभग 500 महिलाओं का डाटा इस्तेमाल किया। उनके डीएनए मिथाइलेशन विश्लेषण और घरों के पास पेड़-पौधों की हरियाली के प्रभाव से उम्र का धीमी गति से बढ़ना देखा गया।
इसके अलावा, हरियाली में रहना सिगरेट के धुएं से उत्पन्न होने वाले डीएनए मेथिलिकरण परिवर्तन को ठीक करने से जुड़ा मिला।
यहीं नहीं, पेड़-पौधों से घिरे वातावरण में रहने से इम्युनिटी और मेटाबॉलिज्म बेहतर होने पर मोटापे और किडनी स्वास्थ्य में सुधार की संभावना भी पाई गई।
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हालांकि, रिसर्च करने वाले वैज्ञानिकों ने बड़े अध्ययनों से उनके परिणामों की पुष्टि करने और पुरुषों में इस प्रक्रिया को देखने के लिए और अधिक खोज की आवश्यकता भी कही है।
यह रिसर्च हाल ही में एनवायरनमेंट हेल्थ पर्सपेक्टिव्स पत्रिका में प्रकाशित हुई है।
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