Childhood Physical Fitness: खराब शारीरिक फिटनेस से मानसिक स्वास्थ्य और सीखने के लिए आवश्यक दिमागी कौशल बिगड़ता है।
लेकिन बचपन की अच्छी शारीरिक फिटनेस से किशोरावस्था में मानसिक स्वास्थ्य (Mental health) बेहतर रह सकता है।
ये कहना है फ़िनलैंड की एक रिसर्च यूनिवर्सिटी से जुड़े स्वास्थ्य विशेषज्ञों का।
उनकी नई स्टडी ने मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं रोकने में बचपन की शारीरिक फिटनेस को मददगार पाया है।
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परिणाम महत्वपूर्ण हैं क्योंकि वर्तमान में मानसिक स्वास्थ्य समस्याएँ एक बड़ी सामाजिक चुनौती हैं।
अनुमानत: 25 से 30% तक किशोर मानसिक स्वास्थ्य में गिरावट का अनुभव करते हैं।
यही नहीं, एक तिहाई किशोरों में डिप्रेशन विकसित होने का खतरा भी जाना गया है।
स्टडी में 17 वर्ष तक के 241 लड़के-लड़कियों की फिटनेस का बचपन से किशोरावस्था तक अनुसरण किया गया।
आठ वर्षों की जांच में बचपन से किशोरावस्था तक बेहतर कार्डियोरेस्पिरेटरी फिटनेस और उसमें सुधार महत्वपूर्ण रहा।
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बेहतर कार्डियोरेस्पिरेटरी फिटनेस किशोरावस्था में कम तनाव और डिप्रेशन के लक्षणों से जुड़ी थी।
इसके अतिरिक्त, भाग-दौड़ से जुड़ी शारीरिक फिटनेस से दिमागी कामों, तनाव एवं डिप्रेशन पर सुखद असर मिला।
नतीजों ने बचपन से ही खेल-कूद द्वारा कार्डियोरेस्पिरेटरी फिटनेस बढ़ाने का सुझाव दिया।
इससे किशोरावस्था में मानसिक स्वास्थ्य और समस्याओं को कम करने में मदद मिल सकती है।
यह स्टडी स्पोर्ट्स मेडिसिन पत्रिका में प्रकाशित हुई थी।
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