एक अच्छी नींद (Sleep) किसी भी वायरस के विरुद्ध हुए टीकाकरण (Vaccination) को मजबूती प्रदान करती है।
यह जानकारी यूएस और फ्रांस के रिसर्चर्स द्वारा की गई एक साझा स्टडी से मिली है।
स्टडी में वैक्सीनेशन के समय की बेहतर नींद से शरीर की एंटीबॉडी (Antibody response) में वृद्धि की संभावना जानी गई है।
यही नहीं, पर्याप्त नींद से इंसानी इम्यून सिस्टम वैक्सीन के प्रति सकारात्मक प्रतिक्रिया भी उत्पन्न करता मिला है।
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विस्तृत जानकारी करंट बायोलॉजी जर्नल में प्रकाशित एक मेटा-विश्लेषण के नतीजों से मिली है।
नतीजों में हर रात छह या कम घंटे सोने वालों की अपेक्षा सात या अधिक घंटे सोने वाले में एंटीबॉडी उत्पादन अधिक पाया गया था।
कम सोने वालों की वैक्सीन से बनी एंटीबॉडी COVID-19 वैक्सीन की एंटीबॉडी के समान ही दो महीने में घट गई थी।
जांच-पड़ताल में अच्छी नींद न केवल वैक्सीनेशन सुरक्षा अवधि बल्कि एंटीबॉडी बढ़ाने में भी सहायक मानी गई।
उपरोक्त जानकारी के लिए वायरल संक्रमण (इन्फ्लूएंजा और हेपेटाइटिस ए एवं बी) की वैक्सीनेशन से जुड़ी सात स्टडीज़ और अन्य लेखों का विश्लेषण किया गया था।
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विश्लेषण में रिसर्च टीम ने छ घंटे से कम और सात या अधिक घंटे सोने वाले पुरुषों बनाम महिलाओं तथा 65 वर्ष से अधिक उम्र के वयस्कों बनाम युवाओं वयस्कों की एंटीबॉडी की तुलना की थी।
कुल मिलाकर, उन्हें प्रति रात 6 घंटे से कम सोने से वैक्सीनेशन के प्रति इम्यून प्रतिक्रिया कम होने के सबूत मिले।
हालांकि, ये सकारात्मक प्रतिक्रिया महिलाओं की अपेक्षा पुरुषों में अधिक कमज़ोर होती जानी गई।
इसका कारण महिलाओं के सेक्स हार्मोन स्तर में उतार-चढ़ाव से जुड़ा होने का अनुमान था।
अपर्याप्त नींद के चलते 65 वर्ष से अधिक आयु वालों की तुलना में 18 से 60 वर्षीय इंसानों के एंटीबॉडी स्तरों पर नकारात्मक प्रभाव अधिक मिला।
टीम की राय में, नींद सुधार से किसी भी वायरस वैक्सीनेशन की एंटीबॉडी प्रतिक्रिया को बढ़ावा मिल सकता है।