शुद्ध ऑक्सीजन (oxygen) में सांस लेने से बढ़ती उम्र (ageing) को न केवल रोका सकता है बल्कि उम्र बढ़ने की प्रक्रिया को उलटा भी किया जा सकता है।
तेल अवीव विश्वविद्यालय (टीएयू) और इजरायल के शमीर मेडिकल सेंटर में हुए एक नए अध्ययन से पता चला कि स्वस्थ उम्र के बढ़ते वयस्कों में दबाव वाले वातावरण में शुद्ध ऑक्सीजन से सांस लेकर (hyperbaric oxygen treatments – HBOT) रक्त कोशिकाओं की उम्र को न केवल रोका सकता है बल्कि उम्र बढ़ने की प्रक्रिया को उलटा भी जा सकता है। बायोलॉजिकल अर्थों में, उपचार की प्रगति के रूप में वयस्कों की रक्त कोशिकाएं वास्तव में युवा हो जाती हैं।
वैज्ञानिकों द्वारा की गई ये स्टडी ‘एजिंग’ जर्नल में प्रकाशित हुई।
रिसर्च में कुछ लोगों को एक प्रेशर से भरे ऑक्सीजन चेंबर में रखा गया जिसके बाद उनमें कई बदलाव हुए। वैज्ञानिकों ने पाया कि ऑक्सीजन चेंबर में रहने से उन लोगों के शरीर के क्रोमोसॉम (Chromosome) में मौजूद टेलोमेर्स (telomeres) की मात्रा में 20 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि हुई है।
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टेलोमेर है जीवन बढ़ाने वाला
टेलोमेर को क्रोमोसॉम का कैप माना जाता है जो क्रोमोसॉम की रक्षा करता है, जिसके चलते इंसान के बूढ़े होने की प्रक्रिया धीमी पड़ती है। उम्र के साथ टेलोमेर छोटे होते जाते है जिसकी वजह से कैंसर, अल्जाइमर और पार्किसन जैसी बीमारियां होने लगती है।
“आज टेलोमेयर शोर्टनिंग (telomere shortening) को उम्र बढ़ाने के जीव विज्ञान की ‘सर्वोत्तम इच्छा’ माना जाता है,” सैकलर स्कूल ऑफ मेडिसिन के प्रोफेसर शैई एफरैती का कहना था।
“दुनिया भर के शोधकर्ता फार्माकोलॉजिकल और पर्यावरणीय हस्तक्षेपों को विकसित करने की कोशिश कर रहे हैं जो टेलोमेर बढ़ाव को सक्षम करते है। हमारा एचबीओटी प्रोटोकॉल यह हासिल करने में सक्षम था, यह साबित करते हुए कि उम्र बढ़ने की प्रक्रिया वास्तव में बुनियादी सेलुलर-आणविक स्तर पर उलट हो सकती है।”
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ऑक्सीजन से टेलोमेर्स की मात्रा युवाओं जितनी हुई
इस शोध में 64 साल या उससे अधिक उम्र के 35 स्वस्थ्य लोगों को एक प्रेशर चेंबर में रखा गया और मास्क के जरिये 100 फीसदी शुद्ध ऑक्सीजन दी गई। इस शोध का सेशन 90 मिनट तक हफ्ते में 5 दिन चलता था और शोध को तीन महीने में पूरा किया गया। इस प्रयोग में शामिल होने वाले लोगों में टेलोमेर्स की मात्रा इतनी बढ़ गई जितनी युवाओं में देखने को मिलती है।
प्रेशर चेंबर में रहने से ‘हाईपॉक्सिया’ की स्थिति पैदा होती थी जिसे ऑक्सीजन की कमी भी कहा जा सकता है। ऑक्सीजन की कमी होने पर टिशू अधिक मात्रा में ऑक्सीजन लेने लगते हैं जिससे टेलोमेर्स की मात्रा बढ़ जाती है।
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टेलोमेर्स के छोटे होने को रोका जा सकता है
शमीर मेडिकल सेंटर के डॉ अमीर हडानी के अनुसार, “अभी तक जीवन शैली में संशोधन और इंटेन्स एक्सरसाइज (intense exercise ) से भी टेलोमेर्स के छोटे होने के प्रभाव को रोका जा सकता था, लेकिन हमारे अध्ययन में, HBOT के केवल तीन महीने ही वर्तमान में किसी भी जीवन शैली संशोधनों से परे टेलोमेरेस को बढ़ाने में सक्षम थे। इस अग्रणी अध्ययन के साथ, हमने एचबीओटी का सेलुलर प्रभाव और उम्र बढ़ने की प्रक्रिया को उलटने की इसकी क्षमता से आगे के शोध के लिए एक दरवाजा खोला है।