लगातार घूमने जाने वाले लोग अपने जीवन में, यात्रा न करने वाले लोगों की अपेक्षा अधिक संतुष्ट रहते है।
जर्नल ऑफ़ टूरिज्म एनालिसिस में छपे एक नए अध्ययन से ऐसा पता चला है।
इसके लिए वाशिंगटन स्टेट यूनिवर्सिटी स्थित स्कूल ऑफ हॉस्पिटेलिटी बिजनेस मैनेजमेंट के सहायक प्रोफेसर चुन-चू चेन ने एक सर्वेक्षण किया।
इसमें वह जानना चाहते थे कि कुछ व्यक्ति दूसरों की तुलना में अधिक बार यात्रा क्यों करते हैं और यात्रा एवं पर्यटन के अनुभवों का खुश रहने और अच्छा महसूस करने पर लंबे समय तक प्रभाव रहता है या नहीं।
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उनके विश्लेषण के परिणाम उन व्यक्तियों के बारे में बताते हैं जो पर्यटन से संबंधित जानकारी पर अधिक ध्यान देते है और अक्सर दोस्तों से अपने ट्रेवल प्लान के बारे में चर्चा करते है।
ऐसे लोगों के नियमित रूप से छुट्टियों पर जाने की संभावना अधिक होती है, बजाए उनके जो अपनी अगली यात्रा के बारे में लगातार नहीं सोचते।
यात्रा से जीवन की संतुष्टि पर स्पष्ट प्रभाव
सर्वेक्षण में, जिन लोगों ने नियमित रूप से घर से दूर कम से कम 75 मील की यात्रा की थी, ने अपने आपको 7% अधिक खुश बताया, उन लोगों की तुलना में जिन्होंने यात्रा बहुत कम या नहीं की थी।
चेन ने बताया कि हालांकि काम, पारिवारिक जीवन और दोस्तों का होना हमें अच्छा महसूस कराने में बड़ी भूमिका निभाते है, फिर भी यात्रा के अनुभवों से जीवन की संतुष्टि पर एक छोटा मगर स्पष्ट प्रभाव पड़ता है।
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“यह वास्तव में अपने रूटीन से बाहर निकलने और नई चीजों का अनुभव करने में आपके सक्षम होने के महत्व को भी दिखाता है,” प्रोफेसर चेन ने कहा।
पिछले अध्ययनों ने पर्यटन के अनुभवों से तनाव और स्वास्थ्य पर हुए फायदों की जांच की है। लेकिन वे सिर्फ एक यात्रा या छुट्टी के प्रभाव की जांच करने के लिए थे।
प्रोफेसर चेन की रिसर्च एक वर्ष के दौरान की यात्राओं के निरंतर लाभों को दिखाती है।
अध्ययन में शामिल लोगों से उनके जीवन में यात्रा का महत्व, भविष्य की वेकेशन प्लान करने में बिताए समय, और एक वर्ष में उन्होंने कितनी यात्राएं की, के बारे में पूछा गया। साथ ही इनसे जुडी उनकी कथित जीवन-संतुष्टि के बारे में भी पूछा गया।
500 सर्वेक्षण प्रतिभागियों में से आधे से अधिक ने साल में चार से अधिक सकून से भरी यात्राएं की। केवल 7% लोगों ने यात्रा के लिए कोई अवकाश नहीं लिया।
सर्वे के निष्कर्ष कोरोना से ट्रेवल पर पड़े प्रभाव को कम कर सकते है
चूंकि COVID-19 के कारण यात्रा करने पर प्रतिबंध लगे हुए है, ऐसे समय में भविष्य को ध्यान में रखते हुए पर्यटकों और पर्यटन उद्योग दोनों को इस शोध से महत्वपूर्ण सुझाव मिल सकता है।
अध्ययन के परिणामों के आधार पर, चेन कहते है कि ट्रैवल कंपनियों, रिसॉर्ट्स और यहां तक कि एयरलाइंस भी हैशटैग द्वारा सोशल मीडिया अभियान शुरू कर सकते है। इसमें छुट्टी पर घूमने जाने के वैज्ञानिक लाभों को बताते हुए लोगो की राय जाने और उनमे फिर से घूमने जाने की रुचि जगा सकते है।
चेन का यह शोध बताता है कि लोग जितना छुट्टियों पर जाने की बात करते और योजना बनाते हैं, उतना ही उनके ऐसा करने की संभावना होती है।
इसलिए कोरोना खत्म होने के बाद नई जगहों को देखने और घूमने के आतुर लोगों को यह शोध अगली छुट्टियों की योजना बनाने के लिए कुछ अच्छी प्रेरणा देगा। ALSO READ: सेहत चाहते हैं तो आज से ही ले ऐसी डाइट