Foot massage benefits: एक नई स्टडी ने पोस्टमेनोपॉज़ल महिलाओं (Postmenopausal women) की ख़राब नींद (Poor sleep), थकावट (Fatigue) और चिंता (Anxiety) जैसी समस्याएं सुधारने में पैरों की मालिश (Foot massage) को असरदार बताया है।
तुर्की के स्वास्थ्य शोधकर्ताओं की इस स्टडी का दावा है कि पैरों की मालिश ख़राब नींद सहित रजोनिवृत्ति (Menopause) से जुड़ी कई समस्याओं को कम कर सकती है।
इस उपाय से मेनोपॉज प्रभावित महिलाओं में प्रतिदिन औसतन एक घंटे तक की आरामदायक नींद बढ़ने की जानकारी मिली है।
द नॉर्थ अमेरिकन मेनोपॉज़ सोसाइटी के जर्नल, मेनोपॉज़ में प्रकाशित स्टडी ने रिफ्लेक्सोलॉजी को मेनोपॉज महिलाओं के लिए एक संभावित चिकित्सा बताया है।
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तुर्की महिलाओं पर किए गए इस छोटे से अध्ययन के परिणाम बताते है कि मेनोपॉज के दौरान पैर की मालिश औसत दैनिक नींद की अवधि को प्रतिदिन एक घंटे तक बढ़ाने के अलावा महिलाओं की थकान और चिंता के स्तर को भी कम कर करती है।
बता दें कि रिफ्लेक्सोलॉजी में हाथों और पैरों के ऐसे हिस्सों पर मालिश की जाती है, जहां दबाव बनाने से इंसान आराम महसूस करता है।
पैरों की मालिश विशेष रूप से आराम लाने, तनाव घटाने और पैरों की तंत्रिका कोशिकाओं को उत्तेजित करके शरीर के संतुलन को बहाल करने में सहायक है।
मेनोपॉज के दौरान एस्ट्रोजन की कमी से थकान, अनिद्रा, हॉट फ्लैशेज, योनि का सूखापन, सिरदर्द और चिंता जैसी कई शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं होना आम बात है।
थकान आमतौर पर हॉट फ्लैशेज और खराब नींद के परिणामस्वरूप होती है। यह ऐसी प्रमुख समस्या है जो 45 वर्ष से ऊपर की एक तिहाई से अधिक महिलाओं में प्रचलित है।
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हालांकि, हार्मोन थेरेपी मेनोपॉज की कई समस्याओं का एक प्रचलित उपचार है, लेकिन सभी महिलाएं इसे अपनाने में सक्षम या इच्छुक नहीं होती है।
उन महिलाओं के लिए पैरों की मालिश करवाना चिंता, थकान और कमज़ोर नींद के प्रभावों को घटाने का एक सरल, सस्ता इलाज हो सकता है।
हालांकि, पोस्टमेनोपॉज़ल महिलाओं की अन्य आबादी में इन निष्कर्षों की पुष्टि करने के लिए अतिरिक्त अध्ययन की आवश्यकता है।
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