जल्दी-जल्दी भोजन खाने वाले ज्यादा मात्रा में खा लेते है, जिससे उनका बीएमआई (BMI) अधिक होकर मोटापे तक चला जाता है, ऐसा कहना था ब्रिटिश शोधकर्ताओं का।
इसके अलावा, उन्होंने यह भी बताया कि जन्म का क्रम (birth order) और भाई-बहनों की संख्या भी खाने की दर को प्रभावित कर सकती है।
खाने और मोटापे (obesity) से संबंधित इस अध्ययन के लिए रोहेम्पटन और ब्रिस्टल विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने यूके के 800 वयस्कों और बच्चों की ऊंचाई, वजन और बीएमआई को ट्रैक किया। उन्होंने लोगों से खाने की आदतों और खाने की गति के बारे में भी पूछा।
विश्लेषण के बाद, उन्होंने मोटापे और तेजी से भोजन करने की आदत के बीच एक मजबूत संबंध पाया, जो बड़ों और बच्चों दोनों में मौजूद थी। इसके अलावा, दूसरों संग खाने से भी ज्यादा खाया जाता है।
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शोधकर्ताओं ने यह भी देखा कि परिवार में सबसे बड़े बच्चे अपने भाई-बहन की तुलना में दोगुना तेजी से खाना खाते थे। लेकिन जिन बड़ों के भाई-बहन नहीं थे, वो अधिक भाई-बहनों की संख्या वालों की तुलना में धीमी गति से भोजन करते थे।
शोधकर्ता सलाह देते है कि भोजन के समय टेलीविज़न या मोबाइल फोन न देखते हुए खाने की आदत सुधरेगी और पेट को तृप्ति जल्द महसूस होगी। इसलिए वजन कम करने के लिए भोजन को धीरे-धीरे खाएं और ठीक से चबाएं।
इसके अलावा, बच्चों को धीरे-धीरे खाने के लिए प्रशिक्षित करने से उन्हें भी तृप्ति संकेत जल्दी मिल सकते है।
हालांकि, तेज खाने की दर बच्चों और बड़ों दोनों में ज्यादा बीएमआई और कमर के विस्तृत आकार के साथ महत्वपूर्ण रूप से जुड़ी हुई थी।
एक स्वस्थ व्यक्ति का बीएमआई 18.5 और 24.9 के बीच होता है। लेकिन 25 और 30 से अधिक बीएमआई को क्रमशः अधिक वजन और मोटे के रूप में वर्गीकृत किया गया है।
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अध्ययन लंबे समय से चली आ रही इस गलतफहमी को भी दूर करता है कि बड़ों को बच्चों की अपेक्षा तेज गति से खाने पर मोटापा नहीं होता।
शोधकर्ताओं के अनुसार, मोटे इंसान के जीवन को ह्रदय रोग, टाइप 2 डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर, गुर्दे की बीमारी, अंधापन जैसी कई बीमारियों का खतरा बना रहता है।
मोटे बच्चों को भी मोटे वयस्क बनने की संभावना अधिक होती है। यहां तक कि अगर बच्चे अधिक वजन वाले हो तो जवानी में उनका मोटापा अक्सर अधिक गंभीर होता है।
इसलिए बच्चों और बड़ों में मोटापा रोकने के लिए न केवल खाद्य पदार्थों के प्रकार, गुणवत्ता और मात्रा, बल्कि खाने की गति पर भी ध्यान देने की जरूरत है। भोजन को अधिक समय में धीमे खाते हुए कमर और बीएमआई को नियंत्रित रख सकते हैं।
अध्ययन के परिणाम क्लिनिकल ओबेसिटी पत्रिका में प्रकाशित किए गए।