ग्लोबल वार्मिंग के चलते अत्यधिक गर्मी (Extreme heat) पड़ने से दिल की सेहत (Heart health) को जबरदस्त नुकसान हो सकता है, ये चेतावनी दी है कनाडा के स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने।
एक मेडिकल पत्रिका में प्रकाशित उनके लेख में पहले से ही दिल की बीमारी झेल रहे इंसानों को विशेष रूप से सावधान रहने की सलाह दी गई है।
लेख में, मॉन्ट्रियल हार्ट इंस्टीट्यूट के विशेषज्ञों ने बढ़ती गर्मी हृदय स्वास्थ्य को कैसे प्रभावित करती है, डॉक्टरों को क्यों इसे समझना चाहिए और परिणामों को कम करने के लिए वे क्या सिफारिशें कर सकते है, के बारे में विस्तार से चर्चा की है।
बता दें कि कड़ी गर्मी की घटनाओं से तापमान में वृद्धि, उमस के स्तर और तेज लू की आवृत्ति, गंभीरता तथा अवधि में वृद्धि की भविष्यवाणी काफ़ी समय से की जाती रही है।
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अत्यधिक गर्मी मानव स्वास्थ्य के लिए खतरा पैदा करती है, जिससे बीमारियों और मृत्यु दर का खतरा बढ़ जाता है। उदाहरणों के तौर पर, साल 2003 में यूरोपीय हीटवेव के कारण 70,000 मौतें हुई थी और 2010 में रूसी हीटवेव 55,000 मौतें की जिम्मेदार थी।
गर्मी से प्रभावित अस्पताल में भर्ती होने के जोखिम कारणों में उम्र, पुरानी बीमारियां, अकेले रहना, कुछ दवाएं और एयर कंडीशनिंग की कमी शामिल है। इनमें भी हृदय रोगी अक्सर गर्मी से त्रस्त हो अस्पताल में भर्ती होने और मृत्यु के जोखिम से घिरे रहते है।
रिपोर्ट में जलवायु परिवर्तन पर नजर रखने वाले पैनल ने हाल ही में वैश्विक तापमान का पहले की तुलना में अधिक तेजी से बढ़ना बताया है। नतीजन, अधिकांश मैदानी इलाक़ों में सख़्त गर्मी के दिनों में उल्लेखनीय वृद्धि होगी।
हालांकि, स्वास्थ्य वैज्ञानिक उन कारणों को पूरी तरह से नहीं समझ पाए है जिनके चलते हृदय रोगियों को अत्यधिक गर्मी की घटनाओं के दौरान अस्पताल में भर्ती होने और मृत्यु का खतरा अधिक हो सकता है।
ज्यादा जानकारी के लिए उन्होंने कुछ अध्ययनों और विश्लेषणों की व्यापक समीक्षा की है, ताकि अत्यधिक गर्मी और प्रतिकूल हृदय संबंधी परिणामों के बीच एक सुसंगत संबंध जाना जा सके।
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पता चला कि हीटवेव इस्केमिक हार्ट डिजीज, स्ट्रोक और हार्ट फेलियर से मृत्यु के जोखिम को काफी बढ़ा देती है।
उनकी संभावना में कड़ी गर्मी हृदय रोगियों के हृदय पर बहुत अधिक दबाव डालती है। गर्मी के संपर्क में आने से हृदय की आपूर्ति करने वाली रक्त वाहिकाओं के भीतर रक्त के थक्के बनने का खतरा बढ़ जाता है।
ऐसे में बचाव हेतु शरीर में पानी का पर्याप्त स्तर बनाए रखना, अतिताप से बचना और एयर-कंडीशन वातावरण में रहना शामिल है। इसके अलावा, हार्ट एक्सपर्ट्स को भी हृदय स्वास्थ्य पर अत्यधिक गर्मी के नकारात्मक परिणामों के बारे में पता होना चाहिए।
हालांकि, अत्यधिक गर्मी के दिल पर प्रतिकूल परिणामों से जुड़े कारणों को बेहतर ढंग से समझने के लिए कनाडाई विशेषज्ञों ने और अधिक शोध की आवश्यकता भी बताई है।
यह लेख एल्सेवियर द्वारा प्रकाशित कैनेडियन जर्नल ऑफ कार्डियोलॉजी में प्रकाशित हुआ है।
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