मिट्टी, पानी और हवा के जरिए जहरीली धातुओं (Toxic metals) के संपर्क में आने से धमनियों (Arteries) के बंद होने का खतरा हो सकता है, ये चेतावनी दी है अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन ने।
एसोसिएशन की नई खोज के मुताबिक, पर्यावरण में मौजूद कम स्तर की आर्सेनिक (Arsenic), कैडमियम (Cadmium) और टाइटेनियम (Titanium) जैसी जहरीले धातुओं के संपर्क में आने से गर्दन, दिल और पैरों की धमनियों में प्लाक (Plaque) बनने का खतरा बढ़ जाता है।
आर्सेनिक और कैडमियम अक्सर तंबाकू और खाने की वस्तुओं में पाए जाते है, जबकि आर्सेनिक पानी में भी पाया जाता है।
टाइटेनियम मुख्य रूप से डेंटल और ऑर्थोपेडिक इम्प्लांट्स, स्क्रू, पेसमेकर एनकेसिंग, कॉस्मेटिक उत्पादों और कुछ खाद्य पदार्थों में मिला होता है।
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रिपोर्ट के अनुसार, कैडमियम और टाइटेनियम के संयोजन से आर्सेनिक धमनियों के लिए अधिक विषैला हो सकता है।
बता दें कि धमनियों में प्लाक जमा होने से वे संकीर्ण, कमजोर और सख्त हो जाती है। यह अवस्था दिल का दौरा, स्ट्रोक, एनजाइना या गुर्दे की बीमारी का कारण बन सकती है।
यह चौंकाने वाला खुलासा स्पेन के एक कारखाने में काम करने वाले एक हजार से ज्यादा वर्करों की स्वास्थ्य जांच से हुआ।
40 से 55 वर्ष की आयु वाले इन कर्मचारियों के मूत्र में अधिकांश धातुओं का स्तर अधिक था। जांच में कुछ महिलाओं में पुरुषों की अपेक्षा धातु का स्तर ज्यादा था।
सबसे ज्यादा खतरा धूम्रपान करने वालों को देखा गया। धूम्रपान नहीं करने वालों की तुलना में उनमें आर्सेनिक, कैडमियम, क्रोमियम और टाइटेनियम का स्तर उच्च दिखा।
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खोज से जुड़े स्पेन के विशेषज्ञ बताते है कि पर्यावरण में फैली जहरीली धातुओं का कम स्तर भी हृदय स्वास्थ्य के लिए विषाक्त है।
इस बारे में विस्तार से अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन की इस पत्रिका में छापा गया है।
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