बुढ़ापे में कमजोरी (Frailty) और हाई ब्लड प्रेशर (Hypertension) के खतरे से बचने के लिए कम बैठें लेकिन अधिक कसरत (Exercise) करें।
यह सलाह 40 वर्ष से अधिक आयु के पुरुषों और महिलाओं पर हुई एक नई स्टडी ने दी है।
यह स्टडी कनाडा की डलहौजी यूनिवर्सिटी के खोजकर्ताओं द्वारा की गई थी।
उन्हें बढ़ती उम्र में रोजाना की कसरत हृदय रोग (Heart disease) और कमजोरी दूर करने में सहायक मिली है।
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स्टडी में 45 से 85 वर्ष के 30,000 पुरुषों और महिलाओं की जीवनशैली से जुड़ी आदतें जानी गई थी।
खोजकर्ताओं ने उनकी कमज़ोरी, हृदय स्वास्थ्य और चलने-फिरने का हाई बीपी पर असर जाना।
स्टडी के दौरान सभी पुरुषों और महिलाओं का बॉडी और ब्लड टेस्ट करवाया गया था।
तीन साल तक चली स्टडी में सभी के स्वास्थ्य और शारीरिक समस्याओं की निगरानी की गई।
नतीजों में शारीरिक कमज़ोरी का स्तर पुरुषों और महिलाओं में हाई बीपी तथा हृदय रोग के उच्च जोखिम से जुड़ा था।
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अधिक बैठने और कम चलने-फिरने या शरीर को मज़बूती देने वाली कसरत न करने से कमज़ोरी स्तर में वृद्धि पाई गई।
कम बैठने और ज़ोरदार कसरत में अधिक भाग लेने से पुरुषों एवं महिलाओं में हाई बीपी कम मापा गया।
बढ़ती उम्र में रोजाना की हल्का-से-मध्यम कसरत महिलाओं के लिए विशेष रूप से फायदेमंद जानी गई।
नतीजों में महिलाओं के लिए हर रोज धीमें या तेज़ चलना और पुरुषों के लिए स्ट्रेंथ ट्रेनिंग आवश्यक कही गई।
इससे बढ़ती उम्र में पुरुषों व महिलाओं की कमज़ोरी और हाई बीपी घटकर हृदय रोग रोकथाम में मदद मिलने का अनुमान था।
बुजुर्गों में कमजोरी आने से उनके गिरने, चोट लगाने या विकलांग होने का खतरा बढ़ता है, जिससे जीवन दुखदाई होता है।
पिछले शोधों में भी कमजोरी को हृदय रोग के लिए खतरा कहा गया था। हाई बीपी वालों में कमजोरी आने की अधिक संभावना होती है।
यह स्टडी अमेरिकन जर्नल ऑफ़ फिजियोलॉजी-हार्ट एंड सर्कुलेटरी फिजियोलॉजी में प्रकाशित हुई थी।
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