ज्यादा समय तक टीवी, मोबाइल, लेपटॉप आदि का इस्तेमाल करने से बच्चे मोटापे (Children Obesity) का शिकार हो सकते है।
यूनाइटेड स्टेट के 9 से 10 साल के 11 हजार से ज्यादा बच्चों पर हुई एक स्टडी को आधार बनाकर विशेषज्ञों ने इस समस्या के बारे में आगाह किया है।
उनके अनुसार, इस तरह की देर तक बैठाए रखने वाली गतिविधियों में अक्सर अत्यधिक स्नैक खाया (Snacking) जाता है।
ऐसा करने वाले बच्चों में एक साल बाद वजन बढ़ने की संभावना अधिक हो जाती है।
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पीडियाट्रिक ओबेसिटी पत्रिका में छपी रिपोर्ट के मुताबिक, टेलीविजन, यूट्यूब, वीडियो गेम, वीडियो चैट आदि में ज्यादा घंटे बिताने वाले बच्चों में साल दर साल वजन बढ़ने का जोखिम अधिक पाया गया।
स्टडी की शुरुआत में 34 फीसदी बच्चे अधिक वजन या मोटापे की जद में थे। लेकिन एक साल बाद यह अनुपात बढ़कर 36 फीसदी हो गया। ,
स्टडी विशेषज्ञों के अनुसार, ऐसे कार्य बच्चों को देर तक बैठे रहने के लिए मजबूर करते है और उनकी फिजिकल एक्टिविटी को खत्म कर देते है।
इस दौरान बच्चे अधिक खाद्य विज्ञापनों के संपर्क में आते है और स्क्रीन देखते हुए अधिक खाना शुरू कर देते है।
हालांकि, स्टडी महामारी से पहले हुई थी लेकिन महामारी में इस समस्या के ज्यादा बढ़ने का अंदेशा जताया गया है।
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लॉकडाउन और कोरोना प्रतिबंधों के चलते घर में बंद रहने से बच्चों के स्क्रीन टाइम में अभूतपूर्व स्तर तक वृद्धि हुई मानी जा रही है।
ऐसे में विशेषज्ञों की पेरेंट्स को सलाह थी कि भले ही टीवी, मोबाइल, कंप्यूटर बच्चों की शिक्षा और समाजीकरण के लिए जरूरी हो गए है तो भी इनके ज्यादा उपयोग से होने वाले जोखिम को कम करने की कोशिश की जानी चाहिए।
देर तक बैठे रहने की बजाए बच्चों में किसी भी प्रकार की फिजिकल एक्टिविटी को ज्यादा बढ़ावा देना चाहिए।