अक्सर लोग सोचते है कि दिन में सोना (Daytime napping) सेहत के लिए अच्छा होता है।
लेकिन स्पेन के स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने ऐसा करना दिल के लिए नुकसानदायक बताया है।
उनके मुताबिक़, दिन में 30 मिनट या अधिक समय की झपकी से एट्रियल फाइब्रिलेशन (Atrial fibrillation) विकसित होने की संभावना बढ़ जाती है।
एट्रियल फिब्रिलेशन एक अनियमित और तेज़ धड़कन की समस्या है जो आमतौर पर खराब रक्त प्रवाह का कारण बनती है।
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इस समस्या वालों को उनके हमउम्र की तुलना में स्ट्रोक का पांच गुना अधिक जोखिम होता है।
समस्या की रोकथाम के लिए रात की खराब नींद से बचने और दिन में 30 मिनट से कम सोने की सलाह है।
विशेषज्ञों के अनुसार, दिन में देर तक सोने से बॉडी क्लॉक (circadian rhythm) गड़बड़ाती है। इससे रात को कम नींद आती है।
नतीजन, दिन में शरीर थका-थका रहता है और कम शारीरिक गतिविधि हो पाती है।
इसके विपरीत, कम समय की झपकी बॉडी क्लॉक सुधार सकती है। इससे ब्लड प्रेशर कंट्रोल रहता है जिससे तनाव कम हो सकता है।
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यह स्टडी यूरोपीय सोसायटी ऑफ कार्डियोलॉजी (ESC) के एक वैज्ञानिक सम्मेलन में प्रस्तुत की गई थी।
स्टडी में बिना एट्रियल फाइब्रिलेशन वाले 20,348 पुरुषों और महिलाओं के हेल्थ डेटा तथा जीवन-संबंधी जानकारी इस्तेमाल हुई थी।
स्टडी की शुरुआत के दौरान उनकी औसत आयु 38 वर्ष थी जिसमें 61% महिलाएं शामिल थीं।
14 वर्षों की गहन छानबीन के दौरान, स्टडी के 131 इंसानों को एट्रियल फाइब्रिलेशन की समस्या हुई।
दिन में कम सोने वालों की तुलना में प्रतिदिन 30 मिनट या अधिक देर झपकी वालों को उपरोक्त समस्या का ख़तरा लगभग दोगुना था।
हालांकि, दिन में थोड़ी देर सोने वालों की अपेक्षा भी झपकी नहीं लेने वालों की धड़कनों में असमानता का जोखिम नहीं था।
परिणाम बताते हैं कि दिन में 15 से 30 मिनट तक सोना ही स्वास्थ्य के लिए लाभदायक हो सकता है।
लेकिन इस बारे में पक्के सबूतों के लिए बड़े अध्ययनों की आवश्यकता कही गई है।
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