भोजन में तेज नमक (Excess Salt) खाना कइयों के लिए एक सामान्य बात हो सकती है, लेकिन क्या आप जानते है कि यह आदत हमारे इम्यून सिस्टम (Immune System) के लिए नुकसानदायक है?
वैज्ञानिकों ने ज्यादा नमक को न केवल ब्लड प्रेशर, बल्कि बीमारियों से लड़ने वाली इम्यून सेल्स (Immune Cells) की क्षमता को भी खराब करने वाला बताया है।
बर्लिन के वैज्ञानिकों ने प्रयोगशाला में इम्युनिटी से जुड़ी कोशिकाओं पर तेज नमक का बुरा असर देखा।
इससे प्रभावित कोशिकाओं ने कम ऑक्सीजन इस्तेमाल करते हुए एटीपी (ATP) उत्पादन घटाया। आपको बता दें कि एटीपी (Adenosine Triphosphate- एडेनोसिन ट्राइफॉस्फेट) ऐसा ईंधन है जो सभी कोशिकाओं को शक्ति प्रदान करता है।
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एटीपी का निर्माण माइटोकॉन्ड्रिया (Mitochondria), जिसे कोशिकाओं का ‘पावर प्लांट’ कहा जाता है, में होता है।
इस प्रक्रिया को अत्यधिक नमक बाधित करता है, जिससे हानिकारक विषाणुओं को मारने वाली सफेद रक्त कोशिकाएं जल्दी कमजोर हो जाती है। ऐसी अवस्था में शरीर में जलन, सूजन, दर्द की शिकायत रहती है, जो आगे चलकर दिल की बीमारियों का विस्तार कर सकती है।
वैज्ञानिकों ने वास्तविक जीवन में इसे देखने के लिए स्वस्थ पुरुषों को 14 दिनों तक छह ग्राम नमक खाने के साथ दिया।
एक अन्य अध्ययन में, उन्होंने सभी को दस ग्राम नमक से बना पिज्जा खाने को दिया और उनके खून में इम्यून सेल्स का विश्लेषण किया।
दोनों प्रयोग से पता चला कि अत्यधिक नमक का शरीर पर बुरा प्रभाव सबसे ज्यादा तीन घंटे तक रहा, जो धीरे-धीरे कम होता गया।
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वैज्ञानिकों के अनुसार, अगर कोई व्यक्ति दिन में कई बार बहुत नमकीन भोजन खाता है तो उसकी कोशिकाओं को आवश्यक कार्य करने के लिए जरूरी ऊर्जा मिलनी कम होती जाएगी।
इसलिए उनकी सलाह थी कि दैनिक नमक सेवन को पांच या छह ग्राम तक ही सीमित रखें और बाजार में मिलने वाले तेज नमक के पाश्चात्य खाने को कम कर दें।
अध्ययन इस धारणा की पुष्टि करता है कि अधिक नमक दिल के साथ-साथ शरीर की रक्षा करने वाली इम्यून सेल्स को भी प्रभावित कर सकता है।
इससे शरीर पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है, जो संभावित रूप से रक्त वाहिकाओं (Blood Vessels), जोड़ों की या ऑटोइम्यून बीमारियों को विकसित कर सकता है।