एनर्जी ड्रिंक्स (Energy Drinks) के प्रति बढ़ते बच्चों और युवाओं की चाहत कैसे उनके लिए जानलेवा हो सकती है, इसका ताजा उदाहरण इंग्लैंड में देखने को मिला।
बीएमजे केस रिपोर्ट्स पत्रिका में छपे इस मामले में, एक 21 वर्षीय युवक बहुत ज्यादा एनर्जी ड्रिंक्स पीने के कारण हार्ट और किडनी फेलियर का शिकार हो गया।
उसका इलाज कर रहे डॉक्टरों के अनुसार, युवक को चार महीने से थकावट होने पर सांस लेने में तकलीफ, लेटने पर सांस फूलना और वज़न कम होने की शिकायत थी।
उसने बताया कि लगभग दो साल से वो प्रतिदिन एनर्जी ड्रिंक्स के औसतन चार 500 मिलीलीटर कैन पिया करता था। प्रत्येक में 160 मिलीग्राम कैफीन, टॉरिन (taurine) प्रोटीन और विभिन्न तत्व शामिल थे।
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उसने यह भी बताया कि अतीत में उसे अपच, कंपकंपी और दिल का असामान्य रूप से धड़कना भी महसूस होता था, फिर भी कोई इलाज नहीं करवाया।
अस्पताल में भर्ती होने से तीन महीने पहले ही उसने अधिक बीमार और सुस्त महसूस होने के कारण कॉलेज की पढ़ाई छोड़ दी थी।
उसके ब्लड टेस्ट, स्कैन, और ईसीजी (ECG) से पता चला कि उसका दिल और गुर्दे फेल हो गए (kidney failure) थे, जिससे दोहरे ऑर्गन ट्रांसप्लांट की गंभीर नौबत आ गई।
हालांकि, दवा लेने और एनर्जी ड्रिंक्स पूरी तरह छोड़ने के बाद उसके दिल में काफी सुधार हुआ, लेकिन किडनी की हालत खराब थी।
मामले की जांच करने वाले विशेषज्ञों ने अत्यधिक मात्रा में एनर्जी ड्रिंक्स पीने से कार्डियोवैस्कुलर सिस्टम को हुए नुकसान को चिंताजनक बताया।
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उनके अनुसार, इसके पीछे कैफीन का सिम्पैथेटिक नर्वस सिस्टम को अधिक उत्तेजित कर देना एक कारण हो सकता है। साथ ही, ऐसे ड्रिंक्स से ब्लड प्रेशर बढ़ना और दिल धड़कने में असामान्यता भी जग जाहिर है।
विशेषज्ञों का सुझाव था कि सभी एनर्जी ड्रिंक्स पर साफ शब्दों में ये चेतावनी छपी होनी चाहिए कि उन्हें ज्यादा पीने से हृदय संबंधी संभावित खतरे हो सकते है।