Thyroid dysfunction: एक नए अध्ययन में पाया गया है कि थायरॉइड की हल्की सी समस्या भी दिल के लिए ख़तरनाक हो सकती है।
यह खुलासा फ्रंटियर्स इन कार्डियोवास्कुलर मेडिसिन जर्नल में प्रकाशित अध्ययन ने 13 लाख इंसानों पर हुई 32 स्टडीज़ के मूल्यांकन के बाद किया है।
जर्मनी और सिंगापुर के अध्ययनकर्ताओं ने थायरॉयड ग्रंथि और दिल के बीच जुड़ाव से संबंधित इस नई जानकारी को चिकित्सा जगत के लिए महत्वपूर्ण बताया है।
गौरतलब है कि हाइपोथायरायडिज्म पहले से ही दिल की समस्याओं के लिए एक जोखिम माना जाता है। लेकिन अब थायरॉइड में हल्का उतार-चढ़ाव भी नुकसानदेह पाया गया है।
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अध्ययनकर्ताओं ने फ्री थायराइड हार्मोन T4 (FT4) के स्तर को अचानक हुए कार्डियक अरेस्ट और अन्य कार्डियोवैस्कुलर घटनाओं की संभावना के साथ सीधे जुड़ा हुआ पाया है।
थायराइड रोग प्रभावित अनियमित धड़कनों की डिसहोमियोस्टेटिक अवस्था (Dyshomeostatic type) में थायराइड हार्मोन की मात्रा बढ़ती है, जिससे दिल को ख़तरा पैदा होता है।
एक अन्य एलोस्टैटिक अवस्था (Allostatic type) में, आनुवंशिक कारणों और तनाव से पिट्यूटरी और थायरॉयड ग्रंथि के बीच संबंध बिगड़ते है।
फलस्वरूप, अप्रत्यक्ष रूप से बढ़ी हुई FT4 की मात्रा भी दिल की धड़कने बेक़ाबू कर देती है।
इसे देखते हुए अध्ययनकर्ताओं ने नियमित थायराइड जांच के अलावा अनियमित दिल की धड़कनों से पीड़ित रोगियों के थायराइड फंक्शन को जांचकर इलाज की सलाह दी है।