Eating alone is bad: अकेले खाने से हृदय रोग (Heart disease) का खतरा बढ़ सकता है, ऐसा एक नए अध्ययन से पता चला है।
अध्ययनकर्ताओं का कहना था कि अकेले होने पर लोग तेजी से खाते है, जिससे उनके वजन, कोलेस्ट्रॉल, ब्लड प्रेशर और शरीर की चर्बी का स्तर बढ़ सकता है। ये सभी समस्याएं डायबिटीज और दिल की बीमारियां बढ़ा सकती है।
इसके अलावा, अकेले खाने से मानसिक स्वास्थ्य भी प्रभावित हो सकता है। इससे डिप्रेशन का खतरा होता है, जो दिल के लिए जोखिम कारक है।
कोरिया में वृद्ध महिलाओं पर हुए इस अध्ययन में 65 वर्ष से अधिक उम्र की लगभग 600 रजोनिवृत्त (Menopausal) महिलाओं को शामिल किया गया था।
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शोधकर्ताओं ने अकेले खाने वाली और दूसरों संग खाने वाली वृद्ध महिलाओं के बीच स्वास्थ्य और पोषण स्थिति की तुलना करते हुए उनके शरीर पर होने वाले असर को जाना।
परिणामों के आधार पर उन्होंने निष्कर्ष निकाला कि अकेले खाने वाली वृद्ध महिलाओं में पोषण संबंधी ज्ञान कम था। ऐसे में, उन्होंने कार्बोहाइड्रेट, फाइबर, सोडियम और पोटेशियम का सेवन, दूसरों के साथ भोजन करने वाली महिलाओं की तुलना में, कम किया।
इसके अलावा, अकेले खाने वाली वृद्ध महिलाओं में एंजाइना (Angina) होने की संभावना भी तीन गुना अधिक थी। यह एक प्रकार का सीने में दर्द है, जो कोरोनरी धमनी रोग (Coronary artery disease) का लक्षण होता है।
द नॉर्थ अमेरिकन मेनोपॉज़ सोसाइटी Menकी मेनोपॉज़ पत्रिका में छपे नतीजे, अकेले रहने वाली वृद्ध महिलाओं के लिए पोषण शिक्षा और कार्डियोवैस्कुलर रोग की जांच का सुझाव देते है।
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