रोजाना बाजार के सॉफ्ट ड्रिंक्स, स्पोर्ट्स ड्रिंक्स और रेडीमेड फ्रूट जूस जैसे मिठास से भरे पेय पदार्थ पीने से स्तन कैंसर (breast cancer) की मरीजों में मृत्यु होने का खतरा बढ़ जाता है।
दरअसल इन सभी मीठे ड्रिंक्स (sugar-sweetened beverages) में बहुत अधिक कैलोरी और चीनी होती है लेकिन न्यूट्रिशन नहीं होता।
इनके नकारात्मक स्वास्थ्य परिणामों जैसे वजन बढ़ना, टाइप 2 डायबिटीज और हृदय रोग के बावजूद बहुत से मरीज इन्हें पीना जारी रखते है।
मीठे के बने पेय पदार्थों और स्तन कैंसर से मौत के बीच संबंध देखने के लिए बफेलो विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने 35 से 79 वर्ष की स्तन कैंसर से पीड़ित 927 महिलाओं की जांच की।
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वो क्या खाती-पीती थी ये जानने के लिए उन्होंने भोजन संबंधित एक प्रश्नावली का उपयोग किया।
स्तन कैंसर से पीड़ित 900 से अधिक महिलाओं में से 41 फीसदी की मृत्यु अध्ययन अवधि के अंत तक हो गई थी। मरने वाली ज्यादातर महिलाएं अधिक बार मीठे ड्रिंक्स पीती थी।
ऐसे ड्रिंक्स को हर हफ्ते पांच या अधिक बार पीने वाली महिलाओं में, इन्हें न पीने वाली महिलाओं की तुलना में, किसी भी कारण से मरने की संभावना 62 फीसदी और स्तन कैंसर से मरने की संभावना 85 फीसदी अधिक थी।
शोधकर्ताओं के मुताबिक, इन ड्रिंक्स में बड़ी मात्रा में मौजूद सुक्रोज और फ्रुक्टोज का हमारे ग्लूकोज और इंसुलिन पर दुष्प्रभाव डालना स्तन कैंसर के उच्च जोखिम के लिए जिम्मेदार है।
यह अध्ययन इस बात का भी प्रमाण देता है कि खाना-पीना स्तन कैंसर होने के बाद महिलाओं की सेहत और लंबी उम्र को प्रभावित कर सकता है।