मौज-मस्ती के लिए शराब, सिगरेट और नशीली दवाओं के बढ़ते दुरूपयोग से नौजवानों को असमय होने वाली दिल की बीमारी (premature heart disease) का जोखिम ज्यादा हुआ, ऐसा एक नई स्टडी में पता चला है।
स्टडी के खोजकर्ताओं ने इस बीमारी को लड़कों की तुलना में नशा करने वाली लड़कियों मे ज्यादा पाया।
हार्ट पत्रिका में ऑनलाइन प्रकाशित इस अध्ययन में जिन युवाओं को शराब, धूम्रपान, कोकीन, गांजा जैसे नशे की लत लग जाती है, उनकी इस गंभीर बीमारी से प्रभावित होने की संभावना, कभी-कभार करने वालों की अपेक्षा, 9 गुना अधिक बताई गयी है।
अध्ययन में मिले सबूत
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नौजवानों में हृदय रोग के बढ़ते मामलों के पीछे तम्बाकू, शराब और अवैध दवाओं की भूमिका की जांच के लिए खोजकर्ताओं ने 2014 से 2015 तक मौजूद अमेरिका के हेल्थकेयर डेटाबेस का अध्ययन किया।
उच्च रक्तचाप, मधुमेह और हाई कोलेस्ट्रॉल जैसे दिल की बीमारी को प्रभावित करने वाले संभावित कारकों के बाद, धूम्रपान करने वाले लोगों में समयपूर्व हृदय रोग होने की संभावना लगभग दोगुनी थी, लेकिन मौज मजे के लिए शराब पीने वालों में इसकी संभावना 50 फीसद से अधिक थी।
कोकीन लेने वालों को समय से पहले हृदय रोग होने की संभावना लगभग 2.5 गुना थी, जबकि उत्तेजक पदार्थ एम्फ़ैटेमिन का इस्तेमाल करने वालों की संभावना लगभग 3 गुना थी। गांजा पीने वालों के हृदय रोगी होने की संभावना 2.5 गुना से अधिक थी।
रुझानों में मनोरंजन के लिए जाने वाले नशीले पदार्थों की संख्या जितनी अधिक थी, समय से पहले हृदय रोग का खतरा भी उतना ही अधिक दिखा। याने एक नशा दिल की बीमारी का खतरा दोगुना कर रहा था तो चार या ज्यादा तरह के नशे से खतरा नौ गुना बढ़ा हुआ था।
पहले से ही दिल की बीमारी वालों को तो नशे के शौकीन होने से तीन गुना ज्यादा खतरा दिखा।
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हैरानी की बात थी कि महिलाओं में नशे की लत से पुरुषों के मुकाबले हार्ट डिजीज होने का खतरा ज्यादा था।
पिछले अध्ययनों में भी नशा करने से दिमाग के सेल्स की उम्र तेजी से बढ़ने और सोचने समझने की क्षमता में गिरावट देखी गयी थी।
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