हमारे दिल को भले ही कॉफी (Coffee) पीना अच्छा लगे, लेकिन दिमाग (Brain) को शायद यह रास न आए।
यूनिवर्सिटी ऑफ साउथ ऑस्ट्रेलिया के एक हालिया अध्ययन में ज्यादा कॉफी पीने की आदत को दिमाग की सेहत के लिए खतरनाक बताया गया है।
अपनी तरह के सबसे बड़े अध्ययन में ऑस्ट्रेलिया, इथोपिया और इंग्लैंड के रिसर्चर्स ने पाया कि रोजाना ज्यादा कॉफी की खपत मस्तिष्क को सिकोड़कर याददाश्त घटाने और स्ट्रोक संबंधी समस्याओं को बढ़ा सकती है।
अध्ययन ने यूके बायोबैंक के 17 हजार से ज्यादा प्रतिभागियों में कॉफी पीने से मस्तिष्क पर होने वाले प्रभावों का आकलन किया।
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पता चला कि 37 से 73 की उम्र वालों में प्रतिदिन छह कप से अधिक कॉफी पीने से डिमेंशिया (Dementia) का जोखिम 53 प्रतिशत तक बढ़ा हुआ था। इसके अलावा, उन्हें स्ट्रोक (Stroke) का खतरा भी अधिक था।
डिमेंशिया बीमारी याददाश्त, सोच, व्यवहार और रोजमर्रा के कार्यों को करने की क्षमता को प्रभावित करती है। जबकि स्ट्रोक में मस्तिष्क को रक्त की आपूर्ति नहीं हो पाती, जिसके परिणामस्वरूप ऑक्सीजन की कमी, मस्तिष्क क्षति और अन्य कार्य बाधित होते है।
दुनिया भर में कॉफी सबसे ज्यादा मशहूर ड्रिंक्स में से है और इसका उपभोग दिनबदिन बढ़ता ही जा रहा है। ऐसे में, कॉफी से होने वाले स्वास्थ्य नुकसान भी कम नहीं है।
इतने बड़े अध्ययन की व्यापक जांच के बाद ज्यादा कॉफी पीने और मस्तिष्क को होने वाले जोखिम का सामने आना चिंताजनक है।
हालांकि, यह जोखिम एक दिन में छह कप से अधिक कॉफी पीने वालों को बताया गया है।
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उच्च कॉफी खपत मस्तिष्क स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव कैसे डाल सकती है, इसकी कोई खास वजह पकड़ में नहीं आई। लेकिन रोजाना एक या दो कप कॉफी पीने से नुकसान के लक्षण नहीं मिले।
रिसर्चर्स की सलाह थी कि कॉफी लिमिट में ही पीनी चाहिए और इसे पीते समय प्यास लगने से बचने के लिए थोड़ा-सा पानी जरूर पीजिए।
इस विषय में न्यूट्रिशनल न्यूरोसाइंस पत्रिका में विस्तारपूर्वक छापा गया है।