अच्छी नींद का दिल की सेहत पर असर बताने वाले एक नए अध्ययन से पता चला है कि रात की नींद के बार-बार टूटने और जागने से मौत का खतरा बढ़ जाता है।
अध्ययन से जुड़े विशेषज्ञों के अनुसार, पुरुषों के मुकाबले महिलाओं की नींद में लंबे समय तक खलल पड़ने से उनके दिल की बीमारियों से मरने की आशंका प्रबल रही।
यूरोपियन हार्ट जर्नल में प्रकाशित 8001 पुरुषों और महिलाओं में हुए एक सर्वेक्षण से पता चला कि जिन महिलाओं को लंबे समय तक ज्यादा बार नींद टूटने की समस्या रही, उनके हृदय रोग से मरने का जोखिम अन्य महिलाओं की अपेक्षा लगभग दोगुना रहा।
हालांकि, पुरुषों में ऐसा होने से मरने का खतरा केवल एक चौथाई के बराबर था ।
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नींद टूटने के बाद बेहोशी की अवस्था में जगे रहना (cortical arousal) नींद का एक सामान्य हिस्सा है।
इसके अनायास होने के पीछे रात में ज्यादा शोर या नींद में सही तरह से सांस न ले पाना बताया गया है। इसके अलावा, शारीरिक दर्द, आघात, तापमान और रोशनी से भी ऐसा संभव है।
पिछले शोध में भी बहुत छोटी या लंबी नींद हृदय या अन्य कारणों से मौत के जोखिमों से जुड़ी मिली। लेकिन रात की नींद में खलल से भी मौत का खतरा बढ़ सकता है, ऐसा इसी अध्ययन से पता चला।
इसके लिए विशेषज्ञों ने कुछ अध्ययनों द्वारा छ से 11 साल तक 60 से लेकर 80 वर्ष के इंसानों की नींद का विश्लेषण किया।
उन्होंने देखा कि जिन महिलाओं में रात्रि नींद टूटने का सिलसिला 6.5 प्रतिशत से अधिक था, उनमें ऐसा कम होने वाली महिलाओं की अपेक्षा हृदय रोग से मरने का जोखिम दोगुना (12.8 प्रतिशत) था। यही नहीं, किसी और कारण से भी उनमें मृत्यु का खतरा 31.5 प्रतिशत तक बढ़ा हुआ मिला।
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पुरुषों में भी रात की कम नींद या खलल की घटना 8.5 प्रतिशत से अधिक होने पर अन्यों के मुकाबले मरने का जोखिम 1.3 गुना अधिक था। ऐसे पुरुषों में हृदय रोग या किसी भी कारण से मौत की आशंका, समान उम्र के पुरुषों की तुलना में क्रमश: 13.4 और 33.7 प्रतिशत थी।
हालाँकि, पुरुषों और महिलाओं की खराब नींद से उनकी मृत्यु दर के बीच इतने अंतर का कारण पता नहीं चला।
विशेषज्ञ इसकी वजह महिलाओं और पुरुषों की नींद में खलल डालने वाले कारणों का अलग-अलग होना बताते है।
इसके अलावा, वृद्धावस्था, वजन और निद्रा विकार से भी नींद में खलल पड़ता है।
उनकी सलाह थी कि रात के दौरान ध्वनि प्रदूषण और वजन कम करने तथा अनिद्रा समस्या का इलाज करने से भी नींद का टूटना रोक कर अच्छी, गहरी नींद लेने में मदद मिल सकती है।