क्या आप जानते है कि ब्लड प्रेशर (Blood pressure) कण्ट्रोल में न रखने से दिमागी बीमारियों का ख़तरा भी बढ़ता जाता है?
अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन के मेडिकल जर्नल सर्कुलेशन में छपी नई स्टडी की मानें तो किसी व्यक्ति का ब्लड प्रेशर जितने अधिक समय तक नियंत्रित सीमा में रहेगा, डिमेंशिया (Dementia) का जोखिम उतना ही कम होगा।
बता दें कि डिमेंशिया की दिक्कत याददाश्त, सोचने और व्यवहार संबंधी समस्याएँ पैदा करती है।
स्टडी बताती हैं कि सिस्टोलिक ब्लड प्रेशर (ऊपरी संख्या) में उतार-चढ़ाव की अपेक्षा लगातार नियंत्रण में रखने से लंबे समय तक दिल और दिमाग स्वस्थ रह सकते है।
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इसके लिए मरीज़ों को रोज़ाना एक्सरसाइज, स्वस्थ आहार और संभवतः दवा की ज़रूरत पड़ सकती है।
नई जानकारी हाई ब्लड प्रेशर के आठ हजार से ज़्यादा मरीज़ों की पांच वर्षों तक जांच से प्राप्त बताई गई है।
विश्लेषण से पता चला है कि जिन लोगों का सिस्टोलिक ब्लड प्रेशर लंबे समय तक सामान्य रहा, उनमें डिमेंशिया होने की संभावना कम थी।
सामान्य ब्लड प्रेशर को 120 से कम की सिस्टोलिक रीडिंग (ऊपरी संख्या) और डायस्टोलिक रीडिंग (निचली संख्या) 80 से कम के रूप में परिभाषित है।
सिस्टोलिक ब्लड प्रेशर के अधिक समय तक नियंत्रित सीमा में रहने से उम्र बढ़ने पर डिमेंशिया का ख़तरा 16 प्रतिशत कम मिला है।
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नतीजों को देखते हुए स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने दिल और दिमाग की बेहतरी के लिए नियमित रूप से ब्लड प्रेशर की निगरानी लाभकारी कही है।
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