Dance for fitness: कोलेस्ट्रॉल कम करना हो, मोटापा घटाना हो या फिटनेस सुधारनी हो तो बस नाचना शुरू कीजिए।
आप इसे मजाक समझ सकते है, लेकिन एक अमेरिकी स्टडी इसे सच्चाई बताती है।
40 वर्ष से अधिक की महिलाओं पर हुई इस स्टडी में उनके वजन, फैट और खराब कोलेस्ट्रॉल को सुधारने में डांस करने का अहम योगदान देखा गया है।
ये सभी महिलाएं मेनोपॉज के बाद (Postmenopausal) शरीर में होने वाले बदलाव से गुजर रही थी, जिसके कारण उन्हें दिल की बीमारियों का खतरा हो सकता था।
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इस अवस्था में महिलाएं अक्सर शारीरिक रूप से कम सक्रिय होती है। इससे उनमें गिरने और फ्रैक्चर का जोखिम हो जाता है।
इन सभी परिवर्तनों के परिणामस्वरूप पोस्टमेनोपॉज़ल महिलाओं में अक्सर आत्म-सम्मान भी कम हो जाता है, जिससे उनका मानसिक स्वास्थ्य प्रभावित होता है।
ऐसे में फिजिकल एक्टिविटी का रजोनिवृत्ति की कई स्वास्थ्य समस्याओं में से कुछ को कम करने में महत्वपूर्ण असर देखा गया है।
स्टडी करने वाले विशेषज्ञ मानते है कि हफ्ते में तीन दिन डांस करने से पोस्टमेनोपॉज़ल महिलाओं की न केवल फिटनेस और मेटाबॉलिज्म सुधरेगा, बल्कि उनके आत्म-सम्मान में भी इजाफा होगा। इसके अतिरिक्त, वो शायद कुछ नया सीखने के अनुभव का भी आनंद ले सके।
वैसे भी डांस थेरेपी एक सुखद गतिविधि है, जिसमें कम लागत और जोखिम होता है।
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नियमित डांस से शारीरिक नियंत्रण, चाल, ताकत, परफॉरमेंस और संतुलन में सुधार संभव पाया गया है। ये सभी लाभ एक महिला को स्वतंत्र, उच्च गुणवत्ता वाली जीवनशैली जीने में योगदान दे सकते है।
इस स्टडी के परिणाम द नॉर्थ अमेरिकन मेनोपॉज़ सोसाइटी की पत्रिका मेनोपॉज़ में ऑनलाइन प्रकाशित हुए है।