डेयरी प्रोडक्ट्स (Dairy products) खाने से कई तरह के कैंसर (Cancers) का ख़तरा पैदा होता है, ऐसा स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है।
ताज़ा जानकरी में, डेयरी प्रोडक्ट्स के हॉर्मोन एवं पोषक तत्व ब्रेस्ट, ओवेरियन और प्रोस्टेट कैंसर बढ़ाने में अहम भूमिका निभा सकते हैं।
यह चौंकाने वाली जानकारी दी है फिजिशियन कमेटी फॉर रिस्पॉन्सिबल मेडिसिन की नई मेडिकल समीक्षा ने।
यह समीक्षा इंटरनेशनल जर्नल फॉर डिजीज रिवर्सल एंड प्रिवेंशन में प्रकाशित हुई थी।
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कमेटी ने उपरोक्त कैंसर रोकने के लिए गाय के दूध की जगह शाकाहार से कैल्शियम, प्रोटीन और अन्य पोषक तत्व लेने की सलाह दी है।
समीक्षा में कहा गया है कि डेयरी प्रोडक्ट्स के एस्ट्रोजेन और IGF-1 हार्मोन इंसानी हार्मोनों का स्तर बढ़ा सकते है।
नतीजन, हार्मोनों में वृद्धि से प्रभावित लोगों में कई कैंसरों के विकसित होने का अंदेशा रहता है।
जानकारी की सत्यता साबित करने के लिए कमेटी के सदस्यों ने कैंसर पर हुए कई बड़े अध्ययनों का हवाला दिया है।
21,660 पुरुषों पर हुई एक स्टडी ने प्रतिदिन डेयरी की 2.5 सर्विंग्स लेने वालों में प्रोस्टेट कैंसर विकास का 34% अधिक ख़तरा पाया था।
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28 वर्षों तक चली स्टडी में ऐसा ख़तरा आधी या उससे कम की सर्विंग्स का सेवन करने वालों में नहीं मिला था।
फुल क्रीम दूध का सेवन करने वालों में तो प्रोस्टेट कैंसर बढ़ने का अधिक जोख़िम देखा गया था।
डेयरी प्रोडक्ट्स और ब्रेस्ट कैंसर के बीच संबंध दिखाने वाली एक स्टडी औसतन 7.9 वर्षों तक चली थी।
उस स्टडी में 52,795 प्री और पोस्टमेनोपॉज़ल महिलाओं द्वारा गाय का दूध अधिक पीने से ब्रेस्ट कैंसर का ख़तरा 50% तक बढ़ा हुआ था।
यह ख़तरा फुल फैट और टोंड दूध पीने वाली महिलाओं में एक समान जाना गया।
समीक्षा के अनुसार, गाय के दूध का लैक्टोज ओवेरियन कैंसर करने में अहम भूमिका निभाता है।
पता चला है कि जब लैक्टोज गैलेक्टोज जैसी चीनी में बदलता है तो यह ओवेरियन कार्यों में सहायक एक हार्मोन को बाधित करता है।
यह गड़बड़ी आगे चलकर ओवेरियन कैंसर का कारण बनती है। इस कैंसर के जोख़िम में एस्ट्रोजेन और IGF-1 भी सहायक हो सकते हैं।
एक विशाल स्वीडिश मैमोग्राफी स्टडी में 38 से 76 वर्ष की 61,084 महिलाओं द्वारा दूध पीने से ऐसा हानिकारक असर जाना गया था।
साढ़े 13 वर्षों तक हुई स्टडी में रोज़ाना दो या अधिक गिलास दूध पीने वाली महिलाओं को गंभीर ओवेरियन कैंसर का खतरा दोगुना था।
ताज्जुब की बात थी की यह ख़तरा दूध पीने से परहेज़ करने वालों महिलाओं में नहीं पाया गया।
हालांकि, समीक्षा ने डेयरी सेवन और कोलोरेक्टल कैंसर के ख़तरे का संबंध दिखाते सबूतों को मिश्रित और असंगत बताया है।
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