गर्भावस्था के दौरान रोजाना कैफीन (caffeine) युक्त पेय पदार्थों का सेवन करने से शिशु का जन्म के समय वजन और आकार कम रह सकता है, ऐसी आशंका एक अध्ययन में जताई गई है।
ऐसा देखा गया कि कैफीन न लेने वाली गर्भवती महिलाओं की तुलना में, आधा कप कॉफी (coffee) बराबर कैफीन लेने वाली गर्भवती महिलाओं के बच्चे छोटे और दुबले पैदा हुए।
अमेरिका की नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ के शोधकर्ताओं द्वारा किया गया अध्ययन दावा करता है कि होने वाली माओं द्वारा रोजाना 200 मिलीग्राम कैफीन का सेवन (लगभग दो कप कॉफी) भ्रूण की सेहत को खतरा बढ़ाता है।
दुबले-पतले, छोटे आकार के जन्मे शिशुओं को बाद के जीवन में मोटापा, हृदय रोग और डायबिटीज होने का ज्यादा डर होता है।
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जामा (JAMA) नेटवर्क ओपन में प्रकाशित इस अध्ययन के शोधकर्ताओं की सलाह थी कि गर्भावस्था के दौरान कैफीन युक्त पेय पदार्थों को सीमित करें या न लें।
अपने अध्ययन के लिए, लेखकों ने 12 अस्पतालों में गर्भावस्था के दौरान भर्ती 2,000 से अधिक विविध स्वस्थ महिलाओं के आंकड़ों का विश्लेषण किया।
उनके रक्त के नमूनों से कैफीन का विश्लेषण किया गया और कैफीनयुक्त पेय जैसे कॉफी, चाय, सोडा और एनर्जी ड्रिंक्स लेने के बारे में पूछा गया।
जिन महिलाओं के रक्त में कैफीन का स्तर नहीं या कम था, उन महिलाओं के जन्म लेने वाले शिशुओं की तुलना में, कैफीन के उच्चतम स्तर वाली महिलाओं के जन्मे शिशुओं का वजन औसतन 84 ग्राम कम, आकर लगभग .17 इंच और सिर का दायरा लगभग .11 इंच छोटा था।
इसके अलावा, एक दिन में लगभग 50 मिलीग्राम कैफीन (आधे कप कॉफी के बराबर) का सेवन करने वाली महिलाओं के नवजात शिशु, गैर-कैफीन महिलाओं के शिशुओं की तुलना में, 66 ग्राम हल्के वजन वाले और .13 इंच छोटी जांघ परिधि वाले थे।
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शोधकर्ताओं ने माना कि कैफीन का सेवन गर्भाशय (uterus) और गर्भनाल (placenta) में रक्त वाहिकाओं (blood vessels) को संकुचित कर देता है, जिससे भ्रूण को रक्त की आपूर्ति कम होती है और उसका विकास रुक जाता है।
यही नहीं, कैफीन संभवतः भ्रूण के तनाव हार्मोन को बाधित करती है, जिससे शिशुओं को जन्म के बाद तेजी से वजन बढ़ने और बाद के जीवन में मोटापा, हृदय रोग और डायबिटीज का खतरा हो सकता है।