अगर आप दर्द या तनाव की स्थिति में अपने आंसूओं को रोक लेते है तो ऐसा करके आप बहादुरी नहीं बल्कि अपनी सेहत का नुकसान कर रहे है।
मिनासोटा अमेरिका की एक स्टडी के मुताबिक जो लोग रो लेते हैं वो लोग अपने मूड, जीवन और स्वास्थ्य में काफी सेहतमंद बदलाव ला सकते है। साइकोलॉजिस्ट द्वारा की गई स्टडी बताती है कि आंसुओं को रोकने से तनाव (stress) बढ़ता है और क्योंकि आम तौर पर आंसू हमारे तनाव को कम करते हैं और मूड को बेहतर बनाते है। जब हम अपने रोने को कंट्रोल करने की कोशिश करते हैं कि इससे हमें मानसिक तनाव से गुजरना पड़ता है।
हार्वर्ड मेडिकल स्कूल (Harvard Medical School -HMS) द्वारा प्रकाशित Harvard Health Publishing के मुताबिक, आंसू आने पर दिमाग का ग्रे मैटर वाला एरिया amygdala एक्टिव हो जाता है और सिग्नल भेजता है। हमारा शरीर उसके हिसाब से ही एक्ट करता है।
आंसू कंट्रोल करने के कारण शरीर पर बने दबाव के चलते दिल की धड़कन पर इसका गहरा असर पड़ता है। जिससे दिल से ख़ून बहुत तेजी से शरीर के बारीक हिस्सों में जाता है, जिससे की हमारे गाल और हाथ-पैर गर्म हो जाते है। जिन लोगों को चिंता (anxiety) की समस्या है उनके लिए विशेषकर आंसू रोकना हानिकारक साबित हो सकता है। आंसू रोकने के कारण इन लोगों को पैनिक अटैक (panic attack) आ सकते है और इनकी स्थिति और भी बिगड़ सकती है।
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आंसू कंट्रोल करने वाले लोगों को सांस लेने में भी दिक्कत महसूस हो सकती है। ऐसे में शरीर अपने आप तेज़ी से सांस लेना शुरू कर देता है। इसलिए जरूरी है कि अगर आपको रोना आए तो आप अपने आंसूओं को कंट्रोल ना करें बल्कि मन के सारे दुख-दर्द को आंसुओं के सहारे शरीर से बाहर निकल दें।