एक ऑस्ट्रियाई अध्ययन ने एक्यूट किडनी इंजरी (Acute kidney injury) वाले गंभीर रुप से बीमार कोरोना संक्रमितों (COVID-19 patients) को मौत का खतरा ज्यादा बताया है।
वियना की सिगमंड फ्रायड प्राइवेट यूनिवर्सिटी के इस अध्ययन में, आईसीयू में भर्ती कोरोना संक्रमितों को ऐसा खतरा पहले से ही अस्पताल में भर्ती किडनी के मरीजों की तुलना में अधिक पाया गया है।
अध्ययनकर्ताओं का कहना था कि डायलिसिस उपचार से भी आईसीयू में भर्ती COVID-19 रोगियों की किडनी को ठीक नहीं किया जा सकता है।
किडनी की क्षमता में अचानक आई गिरावट – जिसे एक्यूट किडनी इंजरी (AKI) कहा जाता है – अस्पताल में भर्ती कोरोना के एक चौथाई से अधिक रोगियों को प्रभावित करती है।
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पिछले अध्ययनों में भी किडनी इंजरी को COVID-19 रोगियों में मौत होने के उच्च जोखिम से जुड़ा पाया गया है।
गौरतलब है कि इंजरी गंभीर होने पर खून की सफाई से जुड़े किडनी कार्यों को डायलिसिस द्वारा सरल किया जा सकता है। लेकिन अध्ययन में, गंभीर कोरोना मरीजों को ऐसा फायदा नहीं देखा गया।
इस विषय में ऑस्ट्रियाई शोधकर्ताओं को 1 सितंबर, 2020 और 15 फरवरी, 2021 के बीच आईसीयू में भर्ती 129 कोरोना संक्रमितों की जांच से पता चला।
रोगियों की औसत आयु 67 साल थी और उनमें दो-तिहाई पुरुष थे।
आईसीयू में भर्ती होने वाले मरीजों में पहले से ही किडनी की बीमारी वाले, आईसीयू में भर्ती होने के बाद गंभीर किडनी इंजरी (एकेआई) विकसित करने वाले और सामान्य किडनी कार्य वाले शामिल थे।
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उनमें से 32 रोगियों को किडनी की रिप्लेसमेंट थेरेपी (Renal replacement therapy) चाहिए थी। .
शोधकर्ताओं ने पाया कि किडनी की बीमारी वाले रोगियों में से 55 प्रतिशत (33 में से 18), एकेआई के 46 प्रतिशत (26 में से 12), और ठीक किडनी वाले 83 प्रतिशत (70 में से 58) रोगी आईसीयू में रहने के दौरान मरने से बच गए।
लेकिन पहले दोनों खराब किडनी वालों के आगे जीवित रहने की संभावना सामान्य किडनी वाले मरीजों की अपेक्षा काफी कम पाई गई।
परिणाम बताते हैं कि तुरंत डायलिसिस शुरू करने या डायलिसिस पर ज्यादा दिनों तक रहने के बावजूद उनके जीवित रहने पर कोई महत्वपूर्ण प्रभाव नहीं पड़ा।
निष्कर्ष इस बात की पुष्टि करते हैं कि आईसीयू वाले रोगियों की COVID-19 से मौत के लिए किडनी का खराब होना एक प्रमुख जोखिम है। लेकिन, कोरोना के वो मरीज जिन्हे आईसीयू में किडनी इंजरी हो जाती है, उनके मरने का खतरा पहले से मौजूद पुराने किडनी रोग वाले मरीजों की तुलना में अधिक होता है।
यूरोएनेस्थीसिया 2021 में प्रस्तुत रिपोर्ट में शोधकर्ताओं ने ऐसे मरीजों को प्रभावित करने वाले विभिन्न कारणों और बेहतर इलाज के तरीके जानने के लिए और खोज करने की बात कही है।
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