COVID-19 वैक्सीन कोरोना वायरस के नए डेल्टा प्लस वेरिएंट (Delta Plus Variant) के खिलाफ कम असरदार साबित हो सकती है, यह आशंका जताई है विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने।
संगठन के एक अधिकारी ने अपने बयान में कहा है कि दुनिया को भविष्य में बदले हुए वायरस का एक बड़ा समूह झेलना पड़ सकता है, जिसमें वर्तमान वैक्सीन (Vaccine) अप्रभावी हो सकती है।
हालांकि, वैक्सीन अभी भी वायरस संक्रमण से हुई गंभीर बीमारी और मौत को रोकने में मददगार है।
बता दें कि अत्यधिक संक्रमणीय डेल्टा प्लस (Delta Plus) का गठन डेल्टा (Delta) या बी.1.617.2 वेरिएंट (B.1.617.2 Variant) में हुए एक उत्परिवर्तन से सामने आया है।
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इसे अभी तक यूएस, यूके, पुर्तगाल, स्विट्जरलैंड, जापान, पोलैंड, नेपाल, चीन और रूस में नई कोरोना वायरस लहर के लिए जिम्मेदार ठहराया जा रहा है।
डेल्टा प्लस वेरिएंट भारत में भी सक्रिय
इस बीच, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने भी महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और केरल की सरकारों को पांव पसारते डेल्टा प्लस वेरिएंट के बारे में सचेत किया है।
मंत्रालय ने उन जिलों में तत्काल रोकथाम के उपाय करने की सलाह दी है, जहां इससे संक्रमित रोगी मिल रहे है।
संबंधित अधिकारियों ने संक्रमण पॉजिटिव पाए गए मरीजों के जीनोम अनुक्रमण से नए वेरिएंट को महाराष्ट्र के रत्नागिरी और जलगाँव जिलों, केरल के पलक्कड़ और पठानमथिट्टा जिलों और मध्य प्रदेश के भोपाल और शिवपुरी जिलों में सक्रिय बताया है।
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भारत में अब तक डेल्टा प्लस वेरिएंट के 22 मामले पाए गए है, जिसमें अकेले रत्नागिरी और जलगांव से 16 मामले शामिल है।
कोरोना वायरस की आनुवंशिक निगरानी करने वाली भारतीय संस्था ने नए वायरस की संक्रमण क्षमता, फेफड़ों की कोशिकाओं से खुद को मजबूती के साथ बांध लेने और रोग प्रतिरोधक एंटीबॉडी की प्रतिक्रिया से बचने में ज्यादा इजाफा पाया है।
ऐसे में COVID -19 मामलों में गिरावट के बीच एक बदले हुए शक्तिशाली वायरस संस्करण का पता चलना देश के लिए अवश्य ही चिंताजनक है।