डायबिटीज (Diabetes) के मरीजों को गंभीर कोरोना (Covid-19) होने का खतरा ज्यादा होता है।
जर्मनी के वैज्ञानिकों ने कई अध्ययनों और अस्पताल में भर्ती लोगों के विश्लेषण के बाद यह खुलासा किया।
अपनी खोज में उन्होंने देखा कि डायबिटीज और कोरोना वायरस (SARS-CoV-2) संक्रमण से भर्ती हुए मरीजों में 65 वर्ष से अधिक उम्र के पुरुष थे।
अस्पताल में भर्ती के समय उनका शुगर लेवल बढ़ा हुआ था। उनके इंसुलिन का उपचार पहले से ही चल रहा था और हृदय रोग या गुर्दे की बीमारी भी थी।
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ये सभी कारण एक जानलेवा COVID-19 खतरे को बढ़ाने वाले थे।
वैज्ञानिकों ने कुछ इंसानों में संक्रमण बहुत गंभीर या घातक होने और कुछ में इसका पता भी नहीं चल पाने का कारण इन्हीं स्थितियों को बताया।
हालांकि उनका मानना था कि डायबिटीज अपने आप में इस बीमारी के गंभीर रूप से लगने का एक जोखिम कारक बनकर उभर रही है।
पिछले कई अध्ययनों ने भी संक्रमित डायबिटीज वालों की मृत्यु दर में अन्यों की अपेक्षा लगभग दो से तीन गुना वृद्धि बताई।
ऐसे निष्कर्षों के लिए वैज्ञानिकों ने 22 प्रकाशित अध्ययनों और वायरस संक्रमित 17,500 से अधिक डायबिटीज पीड़ितों का निरीक्षण किया।
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उन्हें यह भी पता चला कि लंबे समय तक मेटफॉर्मिन उपचार से COVID-19 की गंभीरता में कमी आई थी।
उनका सुझाव था कि डायबिटीज से ग्रस्त खराब सेहत वाले वृद्ध पुरुषों को कोरोना संक्रमण से बचना चाहिए, अन्यथा उनकी जान को खतरा हो सकता है।