विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने COVID-19 रोगियों के इलाज में एंटीबॉडी ड्रग्स सोट्रोविमैब (Sotrovimab) और कासिरिविमैब-इमडिविमैब (Casirivimab-imdevimab) इस्तेमाल न करने की सलाह दी है।
ब्रिटिश मेडिकल जर्नल की रिपोर्ट के अनुसार, कई अध्ययनों से मिले नतीजों को देखने के बाद संगठन के विशेषज्ञ पैनल ने इन दवाओं को ओमिक्रॉन के खिलाफ निष्प्रभावी पाया है।
मतलब कोरोनावायरस के वेरिएंट को मारने में ये दोनों दवाएं अब उतनी कारगर साबित होती नहीं मिली है जितना समझा जा रहा था।
सभी प्राप्र्त सबूतों की जांच के बाद, पैनल ने कोरोना संक्रमित मरीजों के इलाज में Sotrovimab और Casirivimab/imdevimab दवाएं न देने का फैसला किया है।
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इसके अलावा, संगठन ने केवल गंभीर COVID-19 रोगियों के इलाज में ही एंटीवायरल ड्रग Remdesivir देने की सिफारिश की है।
ये सिफारिशें 7,643 मरीजों पर हुए पांच परीक्षणों के परिणामों पर आधारित बताई गई है।
उनमें से गंभीर COVID-19 के मरीज़ों को Remdesivir देने पर 1,000 में से केवल 13 की मौत हुई, जबकि नाज़ुक अवस्था में पहुंच चुके मरीज़ों को दवा देने से 34 की मौत हुई।
ऐसे में वेंटिलेटर और मौत के मुंह तक पहुंच चुके मरीज़ों को Remdesivir देने के लाभ मामूली ही मानें गए।
डब्ल्यूएचओ ने गठिया के इलाज के लिए इस्तेमाल की जाने वाली तीन दवाएं- IL-6 receptor blockers tocilizumab, Sarilumab और JAK inhibitor baricitinib – को अब Corticosteroids सहित गंभीर या नाज़ुक हालत के COVID-19 रोगियों को भी दिए जाने की सलाह दी है।
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इससे पहले, डब्ल्यूएचओ ने Nirmatrelvir और Ritonavir के उपयोग की सिफारिश की थी।
साथ ही, गैर-गंभीर COVID-19 के उच्च जोखिम वाले रोगियों को एंटी वायरल Molnupiravir की भी सशर्त सिफारिश दी गई थी।
हालांकि, COVID-19 के रोगियों में Ivermectin और Hydroxychloroquine कम प्रभावी मिलने के कारण उनके उपयोग को रोकने की सलाह दी गई थी।
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