कोरोना (COVID-19) संक्रमितों को दिल के दौरे (Heart Attack) पड़ने की अधिक संभावना हो सकती है, ऐसा कैलिफ़ोर्निया की एक रिसर्च संस्था ने बताया है।
संस्था के विशेषज्ञों द्वारा किए गए एक विश्लेषण से पता चला है कि ऐसा खतरा परिवार में चले आ रहे हाई कोलेस्ट्रॉल, दिल की बीमारी या दोनों से प्रभावित मनुष्यों को ज्यादा हो सकता है।
फेमिलियल हाइपरकोलेस्ट्रोलेमिया (Familial Hypercholesterolemia- FH) यानी परिवारिक हाई कोलेस्ट्रॉल स्थिति एक अनुवांशिक विकार है, जो किसी इंसान में खराब कोलेस्ट्रॉल (LDL-C) के स्तर के कारण हृदय रोग के जोखिम को 20 गुना तक बढ़ा देती है।
यह एक जीन के कारण होता है, जो माता-पिता में से किसी एक या दोनों से संतान तक पहुंचता है।
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विश्लेषण से यह भी पता चला कि Covid-19 पहले से ही एथेरोस्क्लोरोटिक हृदय रोग (Atherosclerotic Cardiovascular Disease- ASCVD) वाले मनुष्यों में दिल के दौरे की दर को बढ़ा देता है।
इस समस्या में दिल तक खून ले जाने वाली नसों में फैट, कोलेस्ट्रॉल और दूसरे हानिकारक तत्व जमा हो जाते है।
विश्लेषण करने वाले विशेषज्ञों ने 55,412,462 व्यक्तियों में कोरोना संक्रमित और असंक्रमित दोनों तरह के मनुष्यों पर इन बीमारियों के प्रभाव की जांच की।
उन्होंने पाया कि उपरोक्त बीमारियों से पीड़ित कोरोना संक्रमितों को
दिल के दौरे पड़ने की आशंका सात गुना अधिक वार्षिक दर से जुड़ी हुई थी।
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विशेषज्ञों ने स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़े कर्मचारियों को घातक अनुवांशिक स्थिति वाले कोरोना ग्रसित ऐसे मरीजों का उपचार करते समय खास सावधानी बरतने की सलाह दी।
अमेरिकन जर्नल ऑफ प्रिवेंटिव कार्डियोलॉजी में प्रकाशित अध्ययन के परिणाम कोरोना संक्रमण का इलाज करते समय या टीकाकरण के दौरान मरीजों में पहले से ही मौजूद दिल की बीमारियों का संज्ञान रखने को महत्वपूर्ण बताते है।
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