ब्रिस्टल और सरे विश्वविद्यालयों के शोधकर्ताओं ने पाया है कि अच्छी फिटिंग का तीन लेयर वाला कपड़े का मास्क भी COVID-19 फैलने को कम करने में सर्जिकल मास्क की तरह ही प्रभावी हो सकता है।
चेहरा ढके रहने से सांस छोड़ने पर COVID-19 का आगे प्रसारण रुक जाता है और मास्क पहने हुए सांस लेने वाले की रक्षा करता है।
फजिक्स ऑफ फ्लूड्स पत्रिका द्वारा प्रकाशित एक पेपर में, शोधकर्ताओं ने विस्तार से बताया कि कपड़े का मास्क कैसे तरल बूंदों को रोककर छान देता है और एक जगह स्थिर (inertial impaction) कर देता है ।
एक जगह स्थिर करना या जड़त्वीय प्रभाव में हवा को सांस में घुमाने और मास्क के अंदर ही मुड़ने के लिए मजबूर किया जाता है, ताकि बूंदें हवा के रास्ते का अनुसरण न कर सकें। इसमें बूंदें बाहर निकलने की बजाए मास्क के अंदर ही खत्म हो जाती है।
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शोधकर्ताओं के दल ने देखा कि सही तरह से लगाए जाने पर तीन लेयर वाले कपड़े के मास्क, खांसने-छींकने की बूंदों को रोकने में सर्जिकल मास्क के समान फायदा दे सकते है।
दोनों ही बूंदों के सहारे होने वाले संक्रमण के जोखिम को लगभग 50 से 75 प्रतिशत तक कम कर सकते है।
वैज्ञानिकों का मानना था कि यदि एक संक्रमित और एक स्वस्थ व्यक्ति दोनों मास्क पहने हुए हो तो इससे जोखिम 94 प्रतिशत तक कम हो सकता है।
हालांकि, एक साधारण और अपेक्षाकृत सस्ते कपड़े का मास्क COVID-19 संक्रमण के जोखिम को समाप्त तो नहीं कर सकता, लेकिन कोरोना वायरस के प्रसार को कम करने में अत्यधिक प्रभावी हो सकता है।
अब जबकि महामारी चरम पर पहुंच रही है, लगभग सभी देशों ने सार्वजनिक स्थानों और परिवहन में मास्क डालना अनिवार्य कर दिया है।
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यहां तक कि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी मास्क से चेहरा ढ़कने और इससे जुड़ी प्रभावी विशेषताओं पर दिशा निर्देश दिए है।
ऐसे में शोधकर्ताओं को उम्मीद थी कि उनकी खोज कोरोना वायरस रहने तक लोगों को सही फिटिंग वाला मास्क पहनने की जरूरत याद दिलाती रहेगी।
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