संतुलित आहार लेने के बावजूद अगर आप बालों के झड़ने से परेशान है तो इसका कारण बढ़ता तनाव हो सकता है।
हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के अनुसंधानकर्ताओं ने पता लगाया है कि बालों के झड़ने की समस्या दरअसल किसी इंसान के लंबे समय तक तनाव में रहने से जुड़ी हुई है।
उन्होंने ऐसे स्थिति का पता लगाया जिसमें गंभीर तनाव हेयर फॉलिकल स्टेम सेल्स (hair follicle stem cells) को बहुत कमजोर कर देता है। नतीजतन, गंजे होने तक की नौबत आ जाती है।
चूहों पर की गई एक रिसर्च में उन्होंने देखा कि कैसे एक प्रमुख तनाव हार्मोन बालों के रोम कूपों (जहाँ बालों की जड़ होती है) की वृद्धि लंबे समय तक रोके रखता है, जिससे बाल फिर से नहीं उग पाते।
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उनके अनुसार, तनाव जितने समय तक बना रहेगा, स्टेम सेल के निष्क्रिय रहने और बालों के उगने में उतनी ही देरी होती रहेगी।
इंसानों में रोम कूप (hair follicle) का विकास और ठहराव जीवन भर चलता है, जोकि रोम कूपों की मूल कोशिका (stem cell) द्वारा किया जाता है।
विकास के दौरान, हेयर फॉलिकल स्टेम सेल्स सक्रिय हो जाती है और हर दिन बाल बढ़ते है। रुकने पर, स्टेम कोशिकाएं निष्क्रिय (inactive) रहती है जिससे बाल आसानी से गिरने लगते है।
अगर स्टेम कोशिकाएं नए टिश्यू (tissue) का निर्माण किए बिना ही निष्क्रिय रहे तो बालों के झड़ने-गिरने की यह प्रक्रिया सदैव जारी रह सकती है।
इससे जुड़ी रिसर्च में जब चूहों को गंभीर तनाव देने के लिए एक प्रमुख तनाव हार्मोन, कॉर्टिकोस्टेरोन (corticosterone) दिया गया तो हेयर फॉलिकल स्टेम सेल टिश्यू को दोबारा बनाए बिना बहुत लंबे समय तक निष्क्रिय अवस्था में रही।
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इंसानों में इसी तनाव हार्मोन के जैसा कोर्टिसोल (cortisol) होता है, जिसकी अधिकता को ‘तनाव हार्मोन’ (stress hormone) कहा जाता है।
बढ़ा हुआ तनाव हार्मोन वास्तव में हेयर फॉलिकल स्टेम सेल्स पर नकारात्मक प्रभाव डालता है।
सामान्य परिस्थितियों में, रोम कूपों (hair follicles) का दोबारा बनना बढ़ती उम्र के साथ धीमा होता चला जाता है।
लेकिन जब अनुसंधानकर्ताओं ने चूहों में से तनाव हार्मोन निकल दिया तो स्टेम सेल के ठहराव का समय बेहद छोटा हो गया और बूढ़े होने पर भी चूहों में बालों के रोम कूप बढ़ते ही रहे।
तनाव हार्मोन का प्रभाव वास्तव में रोम कूपों के नीचे की त्वचा कोशिकाओं पर होता है, जिसे डर्मल पैपिला (Dermal papilla) कहते है।
डर्मल पैपिला में मौजूद रक्त वाहिकाएं (blood vessels) ही सभी पोषक तत्वों को रोम कूपों तक ले जाती है और स्टेम सेल्स को सक्रिय करती है।
तनाव डर्मल पैपिला कोशिकाओं को Gas6 अणु को छोड़ने से रोकता है, जिससे सेल्स पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
अनुसंधानकर्ताओं के अनुसार, किसी भी अवस्था में अगर हेयर फॉलिकल स्टेम सेल्स को पर्याप्त Gas6 अणु मिलता रहे तो बालों का विकास होता रहेगा।
हालाँकि, उनका मानना था कि चूहों से मिले ऐसे निष्कर्षों को मनुष्यों पर सुरक्षित रूप से लागू किए जाने से पहले और अधिक अध्ययनों की आवश्यकता है।
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