एक नई स्टडी ने बच्चों के बीएमआई (Body Mass Index) से उनके फेफड़ों का स्वास्थ्य जुड़ा हुआ बताया है।
स्टडी के अनुसार, कम या ज्यादा BMI से फेफड़ों के कामों (Lung function) में गिरावट आ सकती है।
लेकिन जवान होने से पहले उनका BMI सामान्य रहे तो गिरावट सुधारी जा सकती है।
यह स्टडी स्वीडन स्थित कैरोलिंस्का इंस्टीट्यूट के वैज्ञानिकों द्वारा की गई थी।
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उन्होंने जन्म से लेकर 24 वर्ष तक 4,000 से अधिक बच्चों के वजन और ऊंचाई का निरीक्षण किया था।
बच्चों के वजन और ऊंचाई से संबंधित BMI को अधिकतम 14 बार मापा गया था।
बता दें कि बचपन में फेफड़ों का विकास कम होने से जवानी में उनकी क्षमता घटने लगती है।
इससे हृदय रोग, डायबिटीज और फेफड़ों की बीमारी जैसी समस्याओं का खतरा बढ़ जाता है।
फेफड़ों की कार्यक्षमता में कमी से जुड़ा एक जोखिम कारक असामान्य वजन और ऊंचाई है।
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स्वीडिश वैज्ञानिकों ने सामान्य की अपेक्षा कम या ज्यादा BMI के बच्चों में बड़े होने पर फेफड़े की कार्यक्षमता कम देखी।
हालांकि शुरुआत में उच्च लेकिन जवानी से पहले सामान्य BMI वाले बच्चों के फेफड़े की कार्यक्षमता में कमी नहीं थी।
नतीजों को देखते हुए बचपन और किशोरावस्था में बच्चों के कम या अधिक वजन पर ध्यान देने की आवश्यकता कही गई।
इस स्टडी को विस्तार से यूरोपियन रेस्पिरेटरी जर्नल में पढ़ा जा सकता है।