गर्भावस्था से पहले खाए गए मां के खराब आहार (Unhealthy diet) से बच्चों में बचपन से ही मोटापा (Childhood obesity) बढ़ता जाता है, ये कहना है यूके की एक स्टडी का।
साउथेम्प्टन यूनिवर्सिटी के नेतृत्व में हुई स्टडी का सुझाव है कि महिलाओं को गर्भावस्था (Pregnancy) से पहले स्वस्थ आहार लेना चाहिए ताकि उनके बच्चों के जीवन में मोटापे (Obesity) का खतरा कम हो।
गौरतलब है कि दुनिया भर में बचपन से ही बच्चों में मोटापे की दर बढ़ रही है। देखा भी गया है कि बचपने का मोटापा जवानी तक घातक हो जाता है।
ऐसे में बच्चों के स्वास्थ्य को कम उम्र में ही बिगाड़ने में माताओं का खराब खान-पान एक महत्वपूर्ण कारक है।
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नए शोध में गर्भावस्था के दौरान और उससे पहले के खराब आहार से आठ या नौ साल की उम्र के बच्चों में मोटापे की संभावना अधिक पाई गई है।
इस बारे में पुख्ता सबूत एक लंबे अध्ययन से प्राप्त तीन हजार माताओं और बच्चों के आहार डाटा विश्लेषण से मिले है।
सभी माताओं और उनके बच्चे के आहार की जांच से पता चला कि धूम्रपान करने वाली कम शिक्षित महिलाओं द्वारा गर्भावस्था में खाए गए गलत आहार का असर उनके बच्चों की सेहत पर पड़ा था।
ऐसी माताओं के बच्चों का वजन और उनके शरीर में जमा चर्बी की मात्रा स्वस्थ आहार लेने वाली माताओं के बच्चों की अपेक्षा अधिक थी।
इंटरनेशनल जर्नल ऑफ ओबेसिटी में प्रकाशित परिणामों से पता चला है कि माताओं के खराब आहार से बच्चों में आठ या नौ साल की उम्र में ही मोटापा विकसित होने लगता है।