Heart Trouble Symptoms: हाल ही में मेडिकल जगत से जुड़े यूएस के एक्सपर्ट्स ने दिल की बीमारी (Heart disease) होने का संकेत देने वाले कुछ लक्षणों को उजागर किया है।
उनकी स्टडी के अनुसार, सीने में दर्द और सांस की तकलीफ (Chest pain and shortness of breath) भविष्य में होने वाली दिल की अलग-अलग समस्याओं की चेतावनी देते है।
जानकारी की सटीकता के लिए जॉन्स हॉपकिन्स ब्लूमबर्ग स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ से जुड़े हेल्थ एक्सपर्ट्स ने तीन दशकों के स्वास्थ्य आंकड़ों का उपयोग किया है।
सीने में दर्द और सांस की तकलीफ जिसे डिस्पेनिया भी कहा जाता है, मुख्य रूप से भविष्य के हार्ट अटैक, अनियमित धड़कनों और हार्ट फेलियर से जुड़े मिले है, जबकि छाती में दर्द का स्ट्रोक से बहुत कम जुड़ाव मिला है।
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विशेषज्ञों ने दोनों लक्षण हल्के से भी महसूस करने वालों को न केवल तत्काल बल्कि संभावित दीर्घकालिक समस्याओं की चेतावनी के रूप में देखने की आवश्यकता कही है।
ज़्यादा जानकारी 50 पार के 13,000 से अधिक पुरुषों और महिलाओं के हेल्थ रिकॉर्ड तथा शारीरिक समस्याओं की जांच के उपरांत मिलनी बताई गई है।
नतीजों में बिना कार्डियोवैस्कुलर डिजीज वालों को सीने में दर्द और सांस की तकलीफ से आने वाले 30 वर्षों में अलग-अलग दिल की समस्याएं होने की संभावना है।
सीने में सबसे कम और अधिक दर्द अनुभव करने वालों को अगले 30 वर्षों में हार्ट अटैक पड़ने की संभावना क्रमश: 21% और 83% बताई गई है। ऐसा ही ख़तरा सांस की तकलीफ बताने वालों को भी देखा गया है।
सांस की तकलीफ के निम्न और उच्चतम स्तर की सूचना देने वालों को अगले 30 वर्षों में हार्ट अटैक पड़ने की संभावना क्रमश: 30% और दोगुनी से अधिक बताई गई है।
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सबसे ज़्यादा ख़तरा सीने में दर्द और सांस की तकलीफ दोनों ही अधिक महसूस करने वालों को पाया गया है।
ऐसे पुरुषों और महिलाओं में दिल का दौरा पड़ने की संभावना ढाई गुना से अधिक जानी गई है।
यही नहीं, उन्हें अनियमित दिल की धड़कन या हार्ट फेलियर की संभावना भी दोगुने से अधिक, और स्ट्रोक होने की संभावना 85% अधिक बताई गई है।
सर्कुलेशन जर्नल में छपे निष्कर्ष बताते है कि ऐसे लक्षणों का अनुभव करने वाले मनुष्यों को तुरंत अपने डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए।