गर्भावस्था के दौरान कैफीन लेना गर्भवती महिलाओं के बच्चे के लिए शायद अच्छा न हो।
नए शोध में पाया गया है कि गर्भावस्था के दौरान कैफीन का सेवन भ्रूण के मस्तिष्क में बदलाव कर सकता है जिससे बाद में बच्चे को व्यवहार संबंधी समस्याएं आती है।
नौ और दस साल के बच्चों के ब्रेन स्कैन का विश्लेषण करने पर यूनिवर्सिटी ऑफ रोचेस्टर मेडिकल सेंटर (यूआरएमसी) के शोधकर्ताओं ने गर्भाशय में ही कैफीन के संपर्क में आए कुछ बच्चों की मस्तिष्क संरचना में बदलाव देखा।
इससे उनमें ध्यान और सक्रियता में कमी संबंधी मुश्किलें आई।
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इसकी पुष्टि के लिए जांचकर्ताओं ने 9,000 से अधिक नौ और दस साल के बच्चों के मस्तिष्क स्कैन का विश्लेषण किया।
उन्होंने मस्तिष्क क्षेत्रों के बीच संबंध बनाने वाले वाइट मैटर को देखते हुए उन बच्चों में स्पष्ट परिवर्तन पाया जिनकी माताओं ने गर्भावस्था के दौरान कैफीन का सेवन किया था।
हालांकि ये बदलाव छोटे थे और किसी भयावह मनोरोग को पैदा करने की स्थिति में नहीं थे। फिर भी गर्भावस्था के दौरान कैफीन सेवन के दीर्घकालिक प्रभावों के बारे में डॉक्टरों से पता करने की जरूरत है।
वर्तमान क्लीनिकल गाइडलाइन्स पहले से ही गर्भावस्था के दौरान चाय, कॉफी, चॉकलेट या किसी और जरिए से कैफीन का सेवन सीमित करने का सुझाव देते है।
पिछले अध्ययनों में भी यह पाया गया है कि कैफीन लेने से गर्भावस्था पर नकारात्मक प्रभाव हो सकता है। ऐसा एक भ्रूण के पास कैफीन को तोड़ने के लिए आवश्यक एंजाइम न होने से संभव है।
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लेकिन यह स्पष्ट नहीं है कि भ्रूण के मस्तिष्क पर कैफीन का प्रभाव प्रेग्नेंसी के एक तिमाही से दूसरे तक भिन्न होता है या नहीं।
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