केवल अधिक बीएमआई (BMI) से ही ज़्यादा लोगों को मौत का ख़तरा नहीं है। इसमें कई और कारण भी शामिल हो सकते है।
यह दावा है एक नई स्टडी का, जिसमें हाई बॉडी मास इंडेक्स (Body Mass Index) से मृत्यु दर में वृद्धि की जांच हुई थी।
जर्नल पीएलओएस वन में प्रकाशित इस स्टडी को यूएस की रटगर्स यूनिवर्सिटी के खोजकर्ताओं ने किया था।
बता दें कि हाल के वर्षों में अधिक वजन व मोटापे के मामलों में अत्यधिक उछाल देखा गया है।
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यह साबित भी हुआ है कि हाई बीएमआई कई शारीरिक समस्याओं में योगदान दे सकता है।
हालाँकि, बीएमआई और कई कारणों से मौत का संबंध जोड़ने वाले कई अध्ययन असंगत मिले हैं।
इसलिए वर्तमान स्टडी में 1999-2018 के अमेरिकी राष्ट्रीय स्वास्थ्य सर्वेक्षण व 2019 के मृत्यु सूचकांक को देखा गया।
खोजकर्ताओं ने दोनों माध्यमों से प्राप्त 554,332 अमेरिकी वयस्कों के डेटा का गहन विश्लेषण किया।
अध्ययन में शामिल 46 वर्षीय पुरुषों और महिलाओं में से 35% का बीएमआई 25 से 30 (अधिक वजन) के बीच था।
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27.2% का बीएमआई 30 से ऊपर या उसके बराबर था, जिसे आमतौर पर मोटापे के रूप में परिभाषित किया जाता है।
9 वर्षों से लेकर अधिकतम 20 वर्षों के दौरान, खोजकर्ताओं को 75,807 इंसानों की मौतों का पता चला।
शारीरिक समस्याओं या दुर्घटनाओं से हुई मौत का खतरा कम या ज़्यादा बीएमआई वालों में एक समान था।
22.5 से 34.9 (मोटापाग्रस्त) बीएमआई वाले बुजुर्गों की मृत्यु दर में कोई ज़बरदस्त वृद्धि नहीं हुई थी।
22.5 और 27.4 (अधिक वज़न) के युवा वयस्कों में भी बीएमआई के कारण मौत में वृद्धि नहीं देखी गई।
हालांकि, 30 या अधिक बीएमआई वालों में वजन बढ़ने से मृत्यु दर संकट 21% से 108% तक हो गया था।
पुरुषों, महिलाओं और विभिन्न नस्ल वालों की जनसंख्या में देखे गए पैटर्न काफी हद तक समान रहे।
इस आधार पर अधिक वजन बताता बीएमआई आमतौर पर मृत्यु दर वृद्धि की आशंका से जुड़ा हुआ नहीं है।
भविष्य के अध्ययनों में मोटापे से उत्पन्न कार्डियोमेटाबोलिक रोगों का आकलन करने की आवश्यकता होगी।
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