Obesity in pregnancy: एक नई स्टडी ने गर्भावस्था से पहले अच्छे पोषण को न केवल माँ बल्कि बच्चे की सेहत के लिए भी आवश्यक बताया है।
स्टडी में मोटापा ग्रस्त गर्भवती महिलाओं से जन्मे शिशुओं को बड़े होने पर दिल व डायबिटीज रोग की अधिक संभावना मिली है।
ऐसा माताओं द्वारा खाए गए अधिक मीठे और चिकनाई युक्त भोजन से भ्रूण को हुए नुकसान के कारण हो सकता है।
यह पहली स्टडी है जिसने बताया कि माँ के मोटापे से भ्रूण के दिल में हुए हार्मोन बदलाव उसकी सेहत बिगाड़ते है।
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दरअसल, गर्भावस्था के दौरान ज्यादा फैट, मीठा खाने से बच्चे के जवान होने पर इंसुलिन बिगड़ने का खतरा रहता है।
ऐसे नकारात्मक असर से जन्म के समय सामान्य वजन के बच्चों को भी डायबिटीज और दिल के रोग हो सकते है।
इस बारे में साउथ ऑस्ट्रेलिया यूनिवर्सिटी के विशेषज्ञों को बबून बंदरों पर हुई एक रिसर्च से पता चला है।
विशेषज्ञों के अनुसार, अधिक फैट और चीनी युक्त खान-पान से थायराइड हार्मोन T3 कम हो जाता है।
इस कमी से भ्रूण के दिल की मांसपेशियों और ग्लूकोज सोखने की क्षमता पर बुरा असर पड़ता है।
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नतीजन, इंसुलिन रेजिस्टेंस का खतरा बढ़ता है, जो अक्सर जवानी में डायबिटीज रोग का कारण बनता है।
जन्म से पहले बच्चे की कोशिकाओं पर नकारात्मक प्रभाव डालने वाले परिवर्तन जीवन भर बने रह सकते हैं।
ये स्थायी परिवर्तन बच्चों के किशोरावस्था और वयस्क होने पर दिल के स्वास्थ्य में और गिरावट ला सकते हैं।
विशेषज्ञों ने गर्भावस्था में ज्यादा फैट और चीनी युक्त आहार के सेवन पर ध्यान देने की आवश्यकता कही है।
ना संभलने पर अधिक लोग डायबिटीज और दिल की बीमारियों से पीड़ित रहेंगे। इससे उनका जीवनकाल कम हो सकता है।
इस बारे में और जानकारी जर्नल ऑफ़ फिजियोलॉजी में प्रकाशित रिपोर्ट से मिल सकती है।
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