एक नई स्टडी ने ख़राब कोलेस्ट्रॉल और हाइपरटेंशन (Hypertension) से दिल का दौरा (Heart attack) या स्ट्रोक (Stroke) बढ़ने की चेतावनी दी है।
स्टडी का अनुमान है कि लो डेंसिटी लिपोप्रोटीन Lipoprotein(a) की अधिकता से हाई बीपी वालों को हृदय रोग का ख़तरा 24% अधिक हो सकता है।
हालांकि, बिना हाइपरटेंशन वालों को लिपोप्रोटीन बढ़ने के बावजूद कार्डियोवैस्कुलर रोग का जोख़िम अधिक नहीं होने की संभावना है।
प्रोटीन और फैट से बना Lipoprotein(a) या Lp(a) ‘ख़राब’ कोलेस्ट्रॉल (LDL) की ही तरह होता है। इससे हार्ट अटैक या स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है।
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हालांकि, Lipoprotein(a) की अधिकता लाइफस्टाइल की अपेक्षा आनुवंशिकी (Genetics) द्वारा ज़्यादा प्रभावित कही गई है।
इस बारे में अधिक जानकारी 6,000 से अधिक अमेरिकी पुरुषों और महिलाओं पर हुए एक अध्ययन से मिली है।
पाया गया कि हाइपरटेंशन सहित Lipoprotein(a) का स्तर ऊंचा होने से हार्ट अटैक या स्ट्रोक की आशंका गहराने लगती है।
14 वर्षों की स्टडी में स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने हाइपरटेंशन सहित 50mg/dL से अधिक या इसके बराबर Lipoprotein(a) को दिल के लिए घातक पाया है।
उनके मुताबिक़, यह स्थिति अकेले हाई बीपी की अपेक्षा कार्डियोवैस्कुलर रोगों के जोखिम में अधिक वृद्धि कर सकती है।
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बता दें कि वैसे तो हाई बीपी या हाइपरटेंशन पहले ही दिल के लिए हानिकारक है, लेकिन कोलेस्ट्रॉल असंतुलन से मौत भी हो सकती है।
स्टडी में कम Lipoprotein(a) वालों में कार्डियोवैस्कुलर रोगों के मामले 16.2%, जबकि अधिक स्तर वालों में 18.8% तक देखे गए है।
विस्तारपूर्वक जानकारी अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन की पत्रिका हाइपरटेंशन से मिल सकती है।
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