नए कोरोना वेरिएंट्स के कारण बढ़ते संक्रमण मामलों के बीच स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने देश में स्थिति बदतर होने का अंदेशा जताया है।
मंगलवार को हुई एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में मंत्रालय से जुड़े स्वास्थ्य अधिकारियों ने कहा कि तेजी से बढ़ते मामलों ने देश में हालात चिंताजनक बना दिए है और किसी को भी इससे संतुष्ट नहीं होना चाहिए।
कॉन्फ्रेंस में केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने आशंका जताई कि कुछ अत्यधिक संक्रमित राज्यों में आया उछाल विशेष रूप से चिंता का एक बड़ा कारण बनता जा रहा है।
पिछले सप्ताह के दौरान कोरोना संक्रमण से जुड़े मामलों में औसत राष्ट्रीय सकारात्मकता दर 5.65 प्रतिशत थी।
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लेकिन अब महाराष्ट्र, पंजाब, बेंगलुरु, मध्य प्रदेश, दिल्ली और गुजरात के कई जिलों में अधिकतम सक्रिय COVID-19 मामले देखे जा रहे है। इनमें दिल्ली को भी एक जिले के रूप में ही रखा गया है।
इस बारे में और बोलते हुए नीति आयोग के स्वास्थ्य से जुड़े सदस्य डॉ विनोद पॉल का कहना था कि निश्चित रूप से कुछ जिलों में तो हम गहन स्थिति का सामना कर रहे है। लेकिन इस समय पूरा देश संभावित रूप से खतरे में है। इसलिए अधिक जीवन को बचाने के लिए भरकस प्रयासों की जरूरत है। अस्पताल और आईसीयू को तैयार रहना चाहिए। अगर मामले तेजी से बढ़ते है तो देश की स्वास्थ्य व्यवस्था चरमरा जाएगी।
“सभी राज्य और केंद्र शासित प्रदेश संक्रमण बढ़ने के मामलों में बढ़ोतरी की रिपोर्ट कर रहे है, इसलिए COVID -19 परीक्षणों की संख्या में उल्लेखनीय रूप से वृद्धि करने की आवश्यकता है। साथ ही, आरटी-पीसीआर परीक्षणों (RT-PCR tests) के अनुपात को भी बढ़ाने की आवश्यकता है,” श्री भूषण ने कहा।
देश में बढ़ते टीककरण पर उन्होंने कहा कि निजी सुविधाओं में सबसे ज्यादा दी जाने वाली कोरोना वैक्सीन खुराक वाले राज्यों की सूची में तेलंगाना 48.39 प्रतिशत के साथ सबसे ऊपर और दिल्ली 43.11 प्रतिशत टीकाकरण के साथ दूसरे स्थान पर है।
1 अप्रैल से 45 वर्ष से अधिक आयु के लोग भी टीकाकरण के पात्र होंगे।
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डब्ल्यूएचओ (WHO) ने कोरोनावायरस की उत्पत्ति पर पेश की रिपोर्ट
मंगलवार को ही विश्व स्वास्थ्य संगठन (world health organisation) ने SARS-CoV-2 वायरस की उत्पत्ति पर रिपोर्ट पेश करते हुए आगे के अध्ययनों के लिए कहा।
14 जनवरी से 10 फरवरी 2021 तक चीन के वुहान क्षेत्र की यात्रा पर गई अंतर्राष्ट्रीय विशेषज्ञों की टीम द्वारा दी गई रिपोर्ट को डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक डॉ टेड्रोस एडनॉम घेबियस ने पेश करते हुए आगे और अध्ययन किए जाने की बात कही।
उन्होंने कहा कि यह रिपोर्ट बहुत महत्वपूर्ण शुरुआत है, लेकिन यह अंत नहीं है। हमने अभी तक वायरस का स्रोत नहीं पाया है। हमें विज्ञान का पालन करना जारी रखना चाहिए और कोई कसर नहीं छोड़नी चाहिए।
“वायरस की उत्पत्ति का पता लगाने में समय लगता है और हम स्रोत को खोजने के लिए दुनिया के आभारी होंगे ताकि हम सामूहिक रूप से फिर से ऐसा होने के जोखिम को कम करने के लिए कोई कदम उठा सकें। कोई भी अकेली शोध यात्रा सभी उत्तर प्रदान नहीं कर सकती, ” उन्होंने कहा।
जुलाई 2020 में डब्ल्यूएचओ ने चीन और स्वतंत्र अंतर्राष्ट्रीय वैज्ञानिकों को मिलाकर एक संयुक्त अध्ययन की योजना हेतु एक छोटी टीम चीन भेजी थी, जिसकी आधिकारिक खोज आज सार्वजानिक की गई।
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