लंबे समय तक वायु प्रदूषण (Air Pollution) में रहने से बच्चों को हाई ब्लड प्रेशर (High blood pressure) की समस्या हो सकती है, ये कहना है यूके की एक स्टडी का।
किंग्स कॉलेज लंदन के हेल्थ एक्सपर्ट्स की इस स्टडी में बारह और उससे अधिक उम्र के 15,000 बच्चे शामिल बताए गए है।
इतने बच्चों पर हुए आठ अध्ययनों में से पांच यूरोप और अन्य चीन के बेहद प्रदूषित इलाकों से संबंधित मिले है।
करंट प्रॉब्लम्स इन कार्डियोलॉजी में छपी समीक्षा ने, 12 साल और उससे अधिक उम्र वालों में हाई ब्लड प्रेशर की समस्या बताई है।
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यह समस्या लंबे समय तक अत्यधिक प्रदूषित क्षेत्रों में रहे बच्चों में अति सूक्ष्म वायु प्रदूषण कणों PM2.5 और PM10 के कारण जानी गई है।
ये घातक पार्टिकुलेट मैटर अक्सर वाहनों, लकड़ी जलने, निर्माण कार्यों, और उद्योगों के धुओं द्वारा निष्कासित कर दिए जाते है।
इस प्रकार के धुंए की अधिकता वाले क्षेत्रों के बच्चों की सेहत को सबसे ज़्यादा नुकसान पाया गया है।
ध्यान रहे कि वयस्कों में पहले ही प्रदूषित हवा से हृदय रोग और स्ट्रोक का ख़तरा देखा गया है।
नई स्टडी के नतीजे वायु प्रदूषण और किशोरों के बीच ब्लड प्रेशर में वृद्धि से जुड़े काफी मजबूत संबंध दर्शाते है।
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यह संबंध विशेषकर अधिक वजन या मोटापे वाले किशोरों में अधिक सटीक बताया गया है।
स्थिति की गंभीरता को देखते हुए एक्सपर्ट्स ने बच्चों के सुरक्षित भविष्य के लिए पर्यावरण प्रदूषण कम करने की आवश्यकता व्यक्त की है।
ग़ौरतलब है कि बचपन का हाई बीपी जवानी में हाइपरटेंशन, हार्ट अटैक और स्ट्रोक का कारण बनता है।
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