शहरों में बढ़ते वायु प्रदूषण (Air pollution) और ट्रैफिक (Traffic) से जुड़ी एक नई स्टडी ने सेहत को लेकर डराने वाले नतीजे घोषित किए है।
डेनिश महिलाओं पर हुए एक बड़े अध्ययन की मानें तो वायु प्रदूषण और सड़क यातायात के शोर में लंबे समय तक रहने से हार्ट फेलियर (Heart failure) का खतरा बढ़ सकता है।
यह खतरा विशेष रूप से स्मोकिंग छोड़ चुके और हाई ब्लड प्रेशर वाले लोगों को ज्यादा बताया गया है।
यही नहीं, नतीजे बताते है कि जैसे-जैसे सड़कों पर वाहनों का शोर और वायु प्रदूषकों के संपर्क में वृद्धि हुई, वैसे ही महिलाओं में हृदय गति रुकने का खतरा और बढ़ गया।
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इस बारे में जानकारी प्राप्त करने के लिए स्टडी के एक्सपर्ट्स ने 44 साल और अधिक आयु की 22,000 महिलाओं पर लगभग 20 वर्षों तक नजर रखी।
एक्सपर्ट्स का कहना था कि हार्ट फेलियर के खतरे में सड़क के शोर की अपेक्षा वायु प्रदूषण का बड़ा असर देखा गया। लेकिन, इन दोनों समस्याओं के ज्यादा संपर्क में आने वाली महिलाओं में इस बीमारी के विकसित होने की सबसे अधिक संभावना थी।
तीन साल की अवधि में प्रदूषण वाले अति सूक्ष्म कणों के संपर्क में वृद्धि से हार्ट फेलियर के विकास का जोखिम 17 प्रतिशत तक बढ़ा हुआ देखा गया। खासकर, नाइट्रोजन डाइऑक्साइड के संपर्क की अधिकता हार्ट फेलियर के जोखिम से 10 प्रतिशत ज्यादा जुड़ी हुई मिली।
दिल पर ऐसा ही बुरा असर सड़क यातायात शोर में 9.3 डेसिबल वृद्धि होने से 12 प्रतिशत तक बढ़ा हुआ मिला।
सबसे ज्यादा बुरा असर स्मोकिंग छोड़ चुके इंसानों पर देखा गया, जिन्हें प्रदूषण फैलाने वाले सूक्ष्म कणों के संपर्क में आने पर हृदय गति रुकने का जोखिम 72 प्रतिशत अधिक था।
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जर्नल ऑफ द अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन में प्रकाशित इस स्टडी के एक्सपर्ट्स की सलाह थी कि इन जोखिमों को कम करने के लिए स्मोकिंग और हाई ब्लड प्रेशर कम करने के अलावा यातायात तथा प्रदूषण नियंत्रण उपायों को सख्ती से लागू किया जाना चाहिए।
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