Health Effects of Air Pollution: वैज्ञानिकों ने दुनिया भर में तेजी से बिगड़ते पर्यावरण को वैश्विक मृत्यु दर सहित दिल के दौरे और स्ट्रोक के ख़तरे में वृद्धि के लिए जिम्मेदार बताया है।
अमेरिका और ईरान के वैज्ञानिकों द्वारा किए गए एक साझा अध्ययन में, वायु प्रदूषण के निर्धारित स्तर से ऊपर के संपर्क में आना इंसानों की सेहत के लिए हानिकारक पाया गया है।
इस दुष्प्रभाव से समय पूर्व मृत्यु का जोखिम 20 प्रतिशत और हृदय रोग से मृत्यु का जोखिम 17 प्रतिशत बढ़ा हुआ दर्ज किया गया है।
यही नहीं, अध्ययन से पता चला है कि यातायात से व्यस्त रहने वाली सड़क के 500 मीटर भीतर रहने वाले एक तिहाई प्रतिभागियों में मृत्यु का जोखिम 13 प्रतिशत तक बढ़ा हुआ था।
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पीएलओएस वन नामक पत्रिका में प्रकाशित अध्ययन का अनुमान है कि वर्तमान में हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज और स्मोकिंग के साथ-साथ वायु प्रदूषण जैसे पर्यावरणीय कारक से लोगों के मरने की संभावना अत्यधिक है, विशेष रूप से दिल के दौरे और स्ट्रोक से।
अध्ययन में कहा गया है कि विशेष चिकित्सा क्लीनिक से दूरी के अलावा व्यस्त सड़कों, शोर और दूषित हवा के माहौल में रहने से भी मृत्यु का खतरा बढ़ जाता है।
यह भी पता चला है कि चिमनी के ठीक से हवादार नहीं होने पर खाना पकाने या घर को गर्म रखने में इस्तेमाल हुए कोयले के चूल्हे या मिट्टी के तेल वाले स्टोव से भी मृत्यु के कुल जोखिम में क्रमशः 23 प्रतिशत और 9 प्रतिशत और हृदय रोग से मृत्यु में 36 प्रतिशत और 19 प्रतिशत की वृद्धि होती है।
इस बारे में जानकारी के लिए वैज्ञानिकों ने ईरान के गुलिस्तान कोहोर्ट स्टडी में शामिल 50,045 प्रतिभागियों के स्वास्थ्य डेटा का विश्लेषण किया था। ये लोग विभिन्न जातियों और जीवनशैली वाले कम आय क्षेत्र से थे।
सभी प्रतिभागियों की आयु 40 से 75 वर्ष के बीच थी जिनकी वर्ष 2004 से सालाना स्वास्थ्य जांच हो रही थी।
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अध्ययनकर्ताओं ने दिसंबर 2018 तक एकत्र किए गए स्वास्थ्य आंकड़ों का विश्लेषण किया। इसके बाद उन्होंने कुल मौतों और हृदय रोग से होने वाली मौतों के जोखिम का पूर्वानुमान लगाने वाला एक मॉडल बनाया।
अध्ययन में दावा किया गया है कि अन्य पर्यावरणीय कारक जैसे निम्न आय, जनसंख्या वृद्धि और रात में बहुत अधिक प्रकाश ही शहरी क्षेत्रों के निवासियों में स्वतंत्र रूप से मृत्यु का जोखिम पैदा नहीं करते।
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