Meditation effects on brain: अमेरिका में हुई एक रिसर्च की मानें तो मेडिटेशन यानी ध्यान लगाने से दिमाग तेज हो सकता है।
स्टेट यूनिवर्सिटी ऑफ़ न्यूयॉर्क के बिंघमटन विश्वविद्यालय में हुए नए शोध के अनुसार, केवल आठ सप्ताह की मेडिटेशन प्रैक्टिस दिमाग की मन भटकाने वाली स्थिति को रोक कर इसे शांत और चौकस बना सकती है।
मेडिटेशन करने वालों का दावा है कि इसके अभ्यास से दिमाग शांत होता है और विचारों को स्थिर करके वास्तविकता पर ध्यान केंद्रित किया जा सकता है।
हालांकि, वैज्ञानिक रूप से मानव मस्तिष्क पर ध्यान के प्रभावों को दिखाना मुश्किल साबित हुआ है।
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इस प्रयास में बिंघमटन विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने कुछ महीनों के लिए ध्यान साधना का अभ्यास करने वाले 10 छात्रों के मस्तिष्क में आए बदलावों को सफलतापूर्वक दर्ज किया है। ये छात्र सप्ताह में पांच बार 10 या 15 मिनट के लिए मेडिटेशन करते थे।
हाल ही में साइंटिफिक रिपोर्ट्स जर्नल में प्रकाशित परिणाम बताते है कि ध्यान प्रशिक्षण ने मस्तिष्क की चेतना से जुड़ी दो अवस्थाओं और मस्तिष्क तंत्र के बीच तेजी से बदलाव किए।
इन दो अवस्थाओं में से एक को डिफ़ॉल्ट मोड नेटवर्क कहा जाता है। यह मस्तिष्क की जाग्रत अवस्था के दौरान सक्रिय होता है और मन भटकने को नियंत्रित करता है। दूसरा डोर्सल अटेंशन नेटवर्क है, जो ध्यान देने योग्य कार्यों से संबंधित है।
अध्ययन के निष्कर्षों से पता चलता है कि मेडिटेशन इन दो मस्तिष्क नेटवर्कों के बीच संबंध को बढ़ा सकता है।
इससे मन भटकना रोकने और ध्यान केंद्रित करने के साथ-साथ जाग्रत अवस्था में देखने, सुनने, समझने और सचेत रहने में मदद मिलती है।
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अध्ययन से मिले नतीजों के बाद वैज्ञानिक अब मस्तिष्क के ध्यान देने वाले हिस्से से जुड़े अल्जाइमर रोग और ऑटिज्म जैसे मानसिक विकारों को कम करने के लिए मेडीटेशन का उपयोग करने की योजना बना रहे है।
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