Intermittent fasting benefits: फैटी लिवर बीमारी (Fatty liver disease) से इंसानी लिवर में सूजन और कैंसर होने का खतरा रहता है।
लेकिन नई रिसर्च ने 48 घंटे की इंटरमिटेंट फास्टिंग (Intermittent fasting) से गंभीर लिवर रोगों में कमी संभव बताई है।
यह रिसर्च जर्मन कैंसर रिसर्च सेंटर और ट्यूबिंगन यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने चूहों पर की है।
रिसर्च में पांच दिन भोजन और दो दिन पूर्ण उपवास (5:2 intermittent fasting ) अपनाने से लिवर रोगों में सुधार मिला है।
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नतीजों ने ऐसी इंटरमिटेंट फास्टिंग से सूजन ग्रस्त लिवर वाले चूहों में लिवर कैंसर फैलना भी कम बताया है।
वैज्ञानिकों ने लिवर कोशिकाओं में उपवास से हुए सुरक्षात्मक प्रभाव के पीछे दो प्रोटीनों की अहम भूमिका पहचानी है।
इन्हें PPARα और एंजाइम PCK1 कहा गया है। दोनों प्रोटीन लिवर फैट घटाने और बनना रोकने में एक साथ काम करते हैं।
वैज्ञानिकों की मानें तो बाजार में उपलब्ध दवा पेमाफिब्रेट भी आंशिक रूप से ऐसे प्रभाव पैदा कर सकती है।
लैब में वैज्ञानिको ने चूहों को बाजार के जंक फ़ूड जैसा ज़्यादा फैट, चीनी और कैलोरी वाला भोजन देना शुरू किया।
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लगातार ऐसा भोजन खाने वाले चूहों का वजन और शरीर में चर्बी बढ़ गई। नतीजन, उनके लिवर में सूजन हो गई।
ऐसे चूहों को हफ्ते में पांच दिन खाना देने के बाद दो दिन तक खाने के लिए कुछ नहीं दिया गया।
नतीजे हैरान करने वाले थे क्योंकि उच्च-कैलोरी आहार देने के बावजूद, उन चूहों का वजन बढ़ना बंद हो गया।
उनमें लिवर रोग, सूजन और लिवर क्षति से जुड़े लक्षण कम मिले। यही नहीं, लिवर कैंसर भी कम विकसित हुआ।
वैज्ञानिकों ने माना कि 5:2 से फैटी लिवर और कैंसर रोकथाम के साथ सूजन के उपचार की भी काफी संभावनाएं हैं।
फिलहाल, इस बारे में सटीक जानकारी और आंकड़ें देने के लिए और बड़ी स्टडीज़ की ज़रूरत बताई गई है।
बता दें कि नॉन-अल्कोहलिक फैटी लिवर तेजी से बढ़ती बीमारी है। यह रोग मोटापे का प्रत्यक्ष परिणाम माना जाता है।
हालिया वर्षों में अमेरिका, भारत और चीन की आबादी में मोटापा बढ़ने से लिवर फेलियर व लिवर कैंसर के मामलों में तेजी आई है।
इस जर्मन रिसर्च से जुड़ी ज़्यादा जानकारी सेल मेटाबोलिज्म पत्रिका में छपी रिपोर्ट से मिल सकती है।