अमेरिका में बच्चे यूट्यूब पर जंक फूड से जुड़े विज्ञापन देखकर मोटापे का शिकार हो रहे है। यूट्यूब पर दिखाए जाने वाले 90 प्रतिशत विज्ञापन ऐसे हैं, जो सेहत के लिए खतरनाक माने गए है।
अमेरिकी पीडियाट्रिक्स जर्नल की रिपोर्ट के मुताबिक, यूट्यूब बच्चों को खाने से जुड़े 400 से ज्यादा ऐसे वीडियो दिखा रहा है, जिसमें उनके पसंदीदा शक्कर वाले पेय पदार्थ और जंक फूड के विज्ञापन है। मिल्कशेक, फ्रेंच फ्राई, सॉफ्टड्रिंक्स, चीजबर्गर से जुड़े विज्ञापन को देखकर बच्चे ऐसी चीजें खा रहे हैं जिससे उनमें तेजी से मोटापा बढ़ रहा है।
स्टडी के मुताबिक, 2 से 19 साल के अमेरिकी बच्चों में 20 फीसदी बच्चे मोटापे का शिकार है। जबकि 1970 के दशक में यह केवल 5.5 प्रतिशत था। स्टडी में बताया गया है कि जंक फूड मार्केटिंग और बचपन में मोटापे की बीमारी के बीच बड़ा संबंध है।
कोरोनाकाल में जब बच्चों के स्कूल बंद हैं, उनका स्क्रीन टाइम बढ़ गया है। स्टडी के मुताबिक, 11 साल तक की उम्र के बच्चों के 80 प्रतिशत पैरेंट्स ने माना कि उनके बच्चे ज्यादातर यूट्यूब देखते हैं जबकि 35 प्रतिशत पैरेंट्स ने माना कि उनके बच्चे केवल यूट्यूब ही देखते हैं।
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विशेषज्ञों का कहना है कि यह विज्ञापन ही नहीं बल्कि सेहत से जुड़ी एक बड़ी चिंता का भी मसला है।
न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी के पब्लिक हेल्थ एंड न्यूट्रीशियन की असिस्टेंट प्रोफेसर मैरी ब्रैग ने कहा कि जिस तरह से ये ब्रांडेड प्रोडक्ट बच्चों की जिंदगी में शामिल हो रहे हैं, उससे उनकी सेहत पर खतरा लगातार बढ़ रहा है। वे जितनी कैलोरी ले रहे हैं, उसकी तुलना में इस्तेमाल नहीं कर पा रहे।
पिछले कुछ सालों में बच्चों में मोटापे की समस्या तेजी से बढ़ी। बच्चे इन विज्ञापनों को देखकर जो खा रहे हैं वह सब हाई फैट, शुगर व सॉल्ट कैटेगरी में आते हैं। हालांकि, ये सामान्य खपत के आइटम है। इसलिए बच्चों को इन विज्ञापनों को देखने से दूर कैसे रखा जाए, यह आने वाले दिनों में एक बड़ा मुद्दा बनेगा।