टाइप 2 डायबिटीज (Type 2 Diabetes) के खतरे को कम करने के लिए वेट ट्रेनिंग (Weight Training) या रेजिस्टेंस बैंड एक्सरसाइज (Resistance Band Exercise) करें, ऐसा एक रिसर्च से पता चला है।
अमेरिका की ओकलैंड यूनिवर्सिटी के एक्सपर्ट्स ने दुनिया भर के चिकित्सा अध्ययनों से मिले परिणामों के विश्लेषण पश्चात स्ट्रेंथ ट्रेनिंग (Strength Training) से डायबिटीज कम होने की बात कही है।
रिसर्च में उन्होंने पाया कि वजन उठाने या रेजिस्टेंस बैंड से वर्कआउट करने पर ब्लड ग्लूकोज़ (Blood Glucose) और कोलेस्ट्रॉल (Cholesterol) के स्तर को नियंत्रित किया जा सकता है।
ये दोनों ही – टाइप 2 डायबिटीज के लिए जिम्मेदार सबसे प्रमुख जोखिम कारकों में से है।
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स्पोर्ट्स मेडिसिन जर्नल में प्रकाशित उनके निष्कर्ष, टाइप 2 डायबिटीज की रोकथाम के प्रयासों पर खासा प्रभाव डालते है।
एक्सपर्ट्स ने पिछले अध्ययनों का हवाला देते हुए कहा कि डायबिटीज वालों को वेट ट्रेनिंग करने से शुगर और फैट को कंट्रोल करने में मदद मिलती है, लेकिन इस रिसर्च में उन लोगों को भी फायदा हुआ जिन पर डायबिटीज होने का खतरा मंडरा रहा था।
यूनिवर्सिटी एक्सपर्ट्स ने डायबिटीज ग्रस्त वेट ट्रेनिंग करने वालों और न करने वालों के आंकड़ों की समीक्षा से उनके स्वास्थ्य पर हुए असर का पता लगाया।
पता चला कि 12 हफ्तों तक रेजिस्टेंस ट्रेनिंग करने से डायबिटीज वालों और इसके होने की आशंका वालों के ब्लड शुगर, शरीर की चर्बी और कोलेस्ट्रॉल में सुधार हुआ।
एक्सपर्ट्स ने यह भी पाया कि 60 फीसदी से अधिक तीव्रता की वेट ट्रेनिंग करने वाले मरीजों को सबसे ज्यादा फायदा हुआ था।
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इसके अलावा, वेट ट्रेनिंग करने से उनके एथलेटिक प्रदर्शन, शरीर की संरचना और हड्डियों के घनत्व में भी सुधार हुआ।
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